उत्तराखंड

न्यायालय ने दी इमर्जेन्सी लगाने की चेतावनी

देहरादून। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शिक्षा सम्बन्धी आदेशों के पालन में धन की कमी आने पर आर्थिक संकट यानी आर्टिकल 360 इमर्जेंसी लगाने जैसी चेतावनी दी है।

देहरादून निवासी पंकज राणा की सर्विस याचिका को जनहित याचिका के रूप में सुनते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति अलोक सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देशित करते हुए कहा कि वो छः माह के भीतर स्कूलों में छात्र छात्राओं के लिए डैस्क, बेंच, ब्लैक बोर्ड, लड़के और लड़कियों के लिए साफ़ सफाई के टॉयलेट और प्यूरीफायर वाला पेयजल मुहैया कराए। न्यायालय ने निर्देशों का पालन नहीं करने पर शिक्षा विभाग के सभी राजपत्रित अधिकारी जैसे प्रमुख सचिव शिक्षा, सचिव शिक्षा, अपर सचिव शिक्षा समेत शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी निर्देशकों की सन 2018 के जनवरी माह की तनख्वाह रोकने को कहा है। न्यायालय ने फिलहाल मुख्य सचिव की अनुमति के बाद लक्सरी गाड़ी खरीदने की अनुमति दी जाती है। सरकार से भी न्यायालय ने हर तीन माह में पालन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही न्यायालय ने ये भी आशा की है कि सामाजिक संगठन और धार्मिक संगठन, राज्य सरकार को शैक्षणिक संस्थानों के मूलभूत ढांचे को मजबूत करने में सहयोग करेंगे।

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