उत्तराखंड

ट्रेन हादसा: रेलवे ट्रैक पर जान गंवाने वाले चारों युवक थे घर के इकलौते चिराग..

ट्रेन हादसा: रेलवे ट्रैक पर जान गंवाने वाले चारों युवक थे घर के इकलौते चिराग..

उत्तराखंड: हरिद्वार के जमालपुर फाटक में रेलवे ट्रैक पर ट्रायल के दौरान ट्रेन से कटने वाले चारों युवक अपने घर के इकलौते चिराग थे। युवकों की शिनाख्त विशाल चौहान पुत्र अरविंद चौहान, मयूर चौहान पुत्र शशीपाल चौहान, प्रवीण चौहान पुत्र अशोक चौहान और हैप्पी उर्फ गोलू पुत्र प्रमोद चौहान सभी निवासी सीतापुर के रूप में हुई हैं। कनखल में करीब एक बजे युवकों का अंतिम संस्कार हुआ। पोस्टमार्टम हाउस से सभी शवों को कनखल स्थित मोक्षधाम ले जाया गया। और वहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।

 

चारों युवकों की एक-एक बड़ी बहन है। हादसे के बाद उनकी बहनों का रो रोकर बुरा हाल है। वह हर बार लोगों से यही सवाल कर रही हैं। कि अब वह किसकी कलाई पर राखी बांधेंगी। गुरुवार शाम को हादसे में मारे गए चारों युवकोके बीच गहरी दोस्ती थी। चारों अपने घर के इकलौते चिराग थे। संयोग देखों चारों की बड़ी बहनें भी हैं।

 

हादसे का शिकार हुए भी तो एक साथ ही चार घरों के चिराग बुझ गए।  ग्रामीणों का कहना है कि चारों युवकों को उनके माता-पिता ने बड़े लाड़ प्यार से पाला था। बताते हैं कि घर के अकेले बेटे होने के कारण माता-पिता उनकी हर ख्वाहिश भी पूरी करते थे। वही विशाल की बहन रोते हुए अपने भाई को वापस लाने की गुहार परिवार के लोगों से लगा रही थी। हर किसी का कहना हैं। कि माता-पिता की बुढ़ापे की लाठी टूट गई।

 

सीतापुर वार्ड दूसरे दिन भी शोक में डूबा रहा। अधिकांश घरों में यहां चूल्हे नहीं जले। हर घर में चार युवकों की एक साथ मौत की चर्चा थी। जैसे ही हादसे की सूचना मिली तो ग्रामीणों में कोहराम मच गया। पूरी रात यहां के लोग सो नहीं पाए। अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। जिसने सुना वहीं प्रभावित परिवारों के घर पहुंच गया। चारों युवकों के घर आसपास होने के कारण रोने और चिखने की आवाजें सुनाई देती रही।

 

बृहस्पतिवार को घटना के बाद ज्वालापुर पुलिस ने दो युवकों के चेहरे की फोटो खिंची थी। इसी आधार पर दो की पहचान हो पाई। जबकि दो के चेहरे बुरी तरह से कुचल गए थे। जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाई। लोगों ने फोटो के आधार पर बताया कि एक युवक विशाल चौहान हैं और दूसरा हैप्पी उर्फ गोलू। देर रात तक जब दो अन्य युवक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने पुलिस को बताया कि मयूर चौहान व प्रवीण चौहान भी उनके साथ ही गए थे। जिसके बाद कपड़ों के आधार पर इन दोनों की पहचान हो पाई।

 

प्रवीण और हैप्पी की दो दिन पहले ही एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी लगी थी। परिवार में इसको लेकर भी खुशी का माहौल था। मगर पल भर में उनकी खुशियां गम में तब्दील हो गई। वही विशाल चौहान गुरुकुल से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहा था। जबकि प्रवीण व हैप्पी ने राजकीय आईटीआई से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। वहीं मयूर चौहान बीएससी कर रहा था।

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