पूर्व जिपंअ ने प्रभारी मंत्री को सौंपा ज्ञापन, समस्याओं के तत्काल निराकरण की मांग..
गुप्तकाशी-मयाली राज्य मार्ग की हालत बनी है बद से बदतर..
तिनसी तोक के 25 परिवार सड़क सुविधा से वंचित..
रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले के दर्जनों गांव ऐसे हैं, जो आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इन गांवों के ग्रामीण हर दिन मीलों पैदल चलकर रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। हालांकि इन गांवों के लिए सड़क की स्वीकृति भी मिल चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज को सौंपे ज्ञापन में कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद के दर्जनों गांव सड़क सुविधा से वंचित हैं, जिस कारण यहां के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जनता बिना सड़क के मीलों पैदल चलने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि जिला योजना के अंतर्गत स्वीकृत मवाधार-चामक मोटरमार्ग की लम्बाई दो किमी है और मार्ग निर्माण के लिए जिला योजना के तहत 33 लाख की स्वीकृति प्रदान हुई है, लेकिन इतनी कम धनराशि में मार्ग का निर्माण होना मुश्किल है।
मोटरमार्ग को वन भूमि से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है, मगर वन विभाग की ओर से एनपीवी की धनराशि जमा करने के लिए 52 लाख की मांग की गयी है। ऐसे में मांग की गई धनराशि की लागत निर्माण कार्य की लागत से ज्यादा है, जिस कारण जिला योजना में मोटरमार्ग का निर्माण किया जाना मुश्किल है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मवाधार-चामक मोटरमार्ग की एनपीवी की धनराशि का भुगतान राज्य योजना के माध्यम से करने की कृपा कीजिएगा। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने पूर्व विधायक प्रताप सिंह पुष्पवाण के गांव किमाणा को जोड़ने वाले मोटरमार्ग पर डामरीकरण कराए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक प्रताप सिंह पुष्पवाण के गांव किमाणा को जोड़ने वाला मोटरमार्ग जिला योजना से डेढ़ किमी निर्मित है, मगर डामरीकरण नहीं होने के कारण मोटरमार्ग पर यातायात अवरूद्ध है। वर्तमान में किमाणा गांव में राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना होम स्टे चलाई जा रही है, लेकिन मोटरमार्ग पर डामरीकरण ना होने से ग्रामीणों व पर्यटकों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
श्री भटट ने कहा कि ग्राम चैंड का तिनसी तोक सड़क सुविधा से वंचित है। तोक में 25 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं और तोक तक जाने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जिस कारण रास्ते में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। ऐसे में तिनसी तोक के लिए सड़क निर्माण का होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि चुन्नी बैंड से विद्यापीठ साढ़े तीन किमी मोटरमार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण किया जाय। यह मोटरमार्ग तीर्थाटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से गुप्तकाशी होकर केदारनाथ जाया जाता है। कहा कि लोनिवि के अधीन ऊखीमठ-चोपता मार्ग कई वर्षो से सुधारीकरण के अभाव में दयनीय बना हुआ है। मार्ग के स्थान कन्था में स्थिति दयनीय हो चुकी है। इस मार्ग का उपयोग यात्राकाल में साधु संतों भी किया जाता है तथा स्थानीय गांव किमाणा, कन्था, करोखी के ग्रामीण भी इसी पैदल मार्ग का उपयोग करते हैं। ऐसे में पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य करवाना जाना जरूरी है।
उन्होंने प्रभारी मंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि चारधाम यात्रा की दृष्टि से राज्य मार्ग मयाली-गुप्तकाशी काफी महत्वपूर्ण है। केदारनाथ आपदा के दौरान मार्ग से हजारों लोगों को निकाला गया था। मोटरमार्ग से रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा के ग्रामीण जुड़े हुए हैं, लेकिन राज्य मार्ग की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है, जिस कारण तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग करते हुए विभिन्न समस्याओं के तत्काल निराकरण की मांग की।