उत्तराखंड

उत्तराखंड में अब नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत, सरकार ने रिजर्व की 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन..  

उत्तराखंड में अब नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत, सरकार ने रिजर्व की 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन..  

उत्तराखंड: प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। रोजाना की जरूरत के अलावा अब प्रदेश सरकार ने 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी रिजर्व कर ली है। गुरुवार यानि आज 80 मीट्रिक टन और ऑक्सीजन केंद्र से आने वाली है। बुधवार को सचिवालय के मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता कर परिवहन सचिव एवं ऑक्सीजन आपूर्ति के नोडल अफसर रंजीत सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति पर सबसे पहले मैपिंग की गई।

 

जिसमे यह तय किया गया कि कहां उत्पादन हो रहा है और किस जिले को कहां से आपूर्ति की जा सकती है। साथ ही तीन बड़े प्लांटों के जरिये 96 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति केंद्र सरकार की तरफ से आवंटन हुआ है। इसके अलावा छह छोटी यूनिटों में लगभग 70 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है। इनसे 7700 जम्बो ऑक्सीजन सिलिंडर भरे जा सकते हैं।

 

ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिलिंग प्वाइंट आवंटित कर दिए गए..

13 जिलों को अलग-अलग स्थानों पर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिलिंग प्वाइंट आवंटित कर दिए गए हैं। जिसके जरिये रोजाना 167 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति राज्य में हो रही है। इसके अलावा केंद्र के मार्फत दूसरे राज्यों से 60 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है। अभी तक बाहर से तीन बार में कुल 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई है।

 

सचिव सिन्हा का कहना हैं कि गढ़वाल मंडल में 50 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन को रिजर्व में रखा गया है इसके साथ ही कुमाऊं मंडल में 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को रिजर्व कोटे में रखा गया है। साथ ही 11 अस्पतालों के अंदर छोटे ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। 11 नए स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट का काम चल रहा है जबकि 11 की स्वीकृति मिल चुकी है। 15 नए स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसके अलावा बड़े अस्पतालों में स्टोरेज बढ़ाने के लिए नए ऑक्सीजन टैंक की भी योजना बनाई जा रही है।

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