केदारनाथ मंदिर परिसर में पारंपरिक शैली से गोमुख आकार की जलधारा का निर्माण किया जाएगा
रुद्रप्रयाग : केदारनाथ मंदिर परिसर में पारंपरिक शैली से गोमुख आकार की जलधारा का निर्माण किया जाएगा। इस धारा के जल का प्रयोग बाबा केदार के भक्त मंदिर में प्रवेश से पूर्व पंचस्नान सहित पीने के लिए प्रयोग कर सकेंगे। मंदिर परिसर व मंदिर मार्ग सहित चबुतरा में पत्थरों को बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। डीडीएमए द्वारा अंतिम कार्य जोरों पर है। साथ ही कुछ स्थानों पर देव आकृतियां व अन्य डिजायन भी तैयार किए जाएंगे, जिससे श्रद्धालु धाम के बारे में और बेहतर जान सकेंगे।
पारंपरिक शैली में होगा निर्माण
मंदिर परिसर में वीआईपी हेलीपैड वाले रास्ते की तरफ पारंपरिक शैली में गोमुख आकार की जलधारा तैयार कर स्थापित किया जाएगा। धारा के पानी का उपयोग आचमन, पंच स्नान व पीने के लिए होगा। धारा से गिरने वाला पानी मंदिर परिसर में न फैले, इसके लिए पांच मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी व छह इंच गहरी तलिया भी बनाई जाएगी, जिसमें धारे से गिरने वाला एकत्रित होगा। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि 15 दिनों के भीतर यह कार्य पूरा कर दिया जाएगा। इस गोमुख आकार से जलधारा के माध्यम से पहाड़ी शैली को देश-विदेश में भी नई पहचान मिल सकेगी।