उत्तराखंड

केदारघाटी के प्राचीन ट्रेकों से रूबरू कराएंगी अब उत्तराखंड की बेटियां..

केदारघाटी के प्राचीन ट्रेकों से रूबरू कराएंगी अब उत्तराखंड की बेटियां..

उत्तराखंड: बेटियों के जरिए लोग केदारघाटी के प्राचीन ट्रेक के कुदरती सौंदर्य और रोमांच से रूबरू हो सकेंगे। स्थानीय बेटियों को इसके लिए गाइड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संस्था कुकू हाइट्स आगामी मार्च में विशेष ट्रेकिंग गाइड प्रशिक्षण शुरू करने जा रही है। इसमें 30 बेटियां भाग लेंगी।

केदारघाटी, मद्महेश्वर घाटी, तुंगनाथ व कालीमठ घाटी के युवा-युवतियों को एडवेंचर व ट्रेकिंग में रोजगार देने के लिए कुकू हाइट्स ने योजना बनाई है। पहले चरण में 50 युवा व 30 युवतियों को विशेषज्ञों द्वारा ट्रेकिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऊखीमठ ब्लॉक के फाफंज गांव में 20 से 27 मार्च तक होने वाले इस शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को गाइड बनकर ट्रेकिंग व एडवेंचर से कमाई के गुर सिखाए जाएंगे।

 

यह भी बताया जाएगा कि एक कुशल गाइड को देश-विदेश से आने वाले ट्रेकर,पर्यटकों से कैसे बातचीत करनी है। साथ ही ट्रेकर को यहां के भौगोलिक परिवेश, ट्रेकिंग रूट, बुग्याल व एडवेंचर के साथ लोक संस्कृति, रीति-रिवाज, भोजन, वेशभूषा के बारे में कैसे जानकारी देनी है। इसके अलावा ट्रेकिंग के दौरान दुर्गम ट्रेकिंग रूटों पर स्वयं को स्वस्थ रखने के बारे में भी टिप्स दिए जाएंगे।

प्रशिक्षण में रेपलिंग, क्लाइमिंग, जुमारिंग, माउंट ट्रेकिंग, कैंपिंग, फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दी जाएगी। विदित हो कि अक्तूबर में त्रियुगी नारायण में माउंटेन फाउंडेशन एंड ट्रेकिंग गाइड स्किल डेवलपमेंट और माटा द्वारा 32 युवा-युवतियों ने प्रशिक्षण दिया गया था। यह पहला मौका है, जब ट्रेकिंग गाइड प्रशिक्षण में बेटियां भी शामिल हो रही हैं।

 

इन ट्रेकों पर की जाएगी ट्रेकिंग 

प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये गाइड केदारघाटी में पहुंचने वाले देश-विदेश के ट्रेकर, पर्यटकों को त्रियुगीनारायण-केदारनाथ, चोपता-बिसूड़ी-चौमासी-केदार, रांसी-मनणी-केदार, शेरसी-झंडी टॉप-वासुकी-केदार, चौमासी-बलजितिया-केदार, चौमासी-रामबाड़ा-केदार, गौरीकुंड-केदारनाथ-वासुकीताल-केदारनाथ त्रियुगीनारायण-केदारनाथ, चोपता-रांसी-केदारनाथ-गौरीकुंड, सनारा बुग्याल, कालशिला, चोपता-चंद्रशिला, नंदीकुंड ट्रेक, मद्महेश्वर ट्रेकिंग रूट, बुरूवा-बिसुड़ी पर ट्रेक कराएंगे। इन ट्रेकों पर प्रकृति ने अपार सौंदर्य बिखेरा है।

क्या है कुकू हाइट्स

कुकू हाइट्स, होम स्टे का नाम है, जो फाफंज गांव में 32 वर्ष पुराने मकान पर संचालित हो रहा है। कूकू, एक पक्षी है, जिसे स्थानीय काफल पाकू के नाम से भी जाना जाता है। इस होम स्टे के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पहाड़ी भोजन को प्रचारित-प्रसारित करने के साथ यहां के पर्यटन व एडवेंचर के बारे में देश-विदेश के पर्यटकों को जानकारी देना है।

 

इस होम स्टे का संचालन पांच सदस्यीय टीम कर रही है, जिसमें गैरोला के अलावा कालीमठ घाटी की मशरूम गर्ल रोशनी चौहान, गौंडार गांव के वॉल पेंटर्स अरविंद पंवार और उत्तराखंड के सभी ट्रेकिंग रूट की ट्रेकिंग कर चुके मुकेश नेगी और सुधेश नेगी शामिल हैं। गैरोला बीते दो-तीन वर्षों से स्थानीय स्तर पर युवा-युवतियों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए स्वयं के प्रयासों से प्रशिक्षण शिविर आयोजित कराते आ रहे हैं। साथ ही अपने गांव त्रियुगी नारायण में लोक मांगलों के संरक्षण के लिए महिला मंगल दल के साथ भी कार्य कर रहे हैं।

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