आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भूगर्भीय सर्वेक्षण शुरू , उत्तराखंड के कई गांवों में हुए भूस्खलन की जांच
उत्तराखंड : मुनस्यारी क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए भू वैज्ञानिक क्षेत्र में पहुंच गए हैं। उत्तराखंड के कई गांवों में हुए भूस्खलन की जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
भू वैज्ञानिक प्रदीप कुमार की अगुवाई में मुनस्यारी पहुंची टीम ने भदेली के मल्ला और तल्ला तोक के साथ ही जोशा, पापड़ी, डोबड़ी- नारकी, गांधीनगर आदि गांवों का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद प्रदीप कुमार ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कठोर चट्टानों का अभाव है। मिट्टी की कई परतों से यह क्षेत्र निर्मित हुआ है और इसी के ऊपर भवन आदि बने हुए हैं। बरसात होने पर मिट्टी घुलने से भूस्खलन की घटनाएं हो रही है। नीचे बहने वाले नदी नालों के कटान से इसमें तेजी आ रही है। इस संवेदनशील क्षेत्र में मोटर मार्गो के निर्माण के लिए विस्फोटकों का उपयोग समस्या को और बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बड़े निर्माण से पहले भूगर्भीय सर्वेक्षण अनिवार्य रू प से कराया जाना चाहिए। वर्षो जल की निकासी के लिए भी ठोस इंतजाम जरूरी है। निकासी बस्तियों से दूर की जानी चाहिए। इसी से भूस्खलन के खतरे को कम किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि गांवों के भूगर्भीय सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। सर्वेक्षण के दौरान संबंधित क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम प्रधान आदि मौजूद थे।