तिलाड़ी कांड के बावजूद किसानों की हुई जीत
किसान और सीटू की स्थापना दिवस पर सभा आयोजित
रुद्रप्रयाग। किसान दिवस और सेन्टर आॅफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के स्थापना दिवस पर आयोजित सभा में तिलाड़ी कांड की घटना पर प्रकाश डाला गया और सरकार से चुनाव के दौरान किए गए वायदों को पूरा करने की मांग की गई। इस मौके पर सीटू ने जिला मुख्यालय में रैली भी निकाली।
यहां हुई एक सभा में में किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री का0 गंगाधर नौटियाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टिहरी राजशाही द्वारा लोगों के जंगलों के हक-हकूक पर लगाये प्रतिबंध के विरूद्ध 30 मई 1030 को तिलाड़ी के मैदान में हजारों किसान एकत्रित हुए और उन्होंने राजशाही का विरोध किया। राजा की पुलिस ने किसानों पर गोली चलाई, जिसमें कई किसानों की जाने चली गई। तब भी किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और अंत में किसानों की जीत हुई। जिस कारण किसानों को अपने जंगलों पर हक-हकूक का अधिकार मिला। तब से प्रतिवर्ष 30 मई को किसान दिवस मनाया जाता है। लेकिन आज फिर केन्द्र व राज्यों में बैठी भाजपा की सरकार द्वारा किसान विरोधी नीतियां लागू की जा रही हैं। जिस कारण आज देश के लाखो-लाख किसानों ने आत्म हत्या कर दी है और किसान बर्बाद हो गया है।
सभा को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महामंत्री का0 बीरेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि आज के दिन किसान दिवस के अलावा सीटू स्थापना दिवस भी है और आज पूरे देश भर में सीटू स्थापना दिवस किसान मजदूर एकता दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में बैठी भाजपा की सरकार द्वारा इन चार सालों में जनता के साथ धोखा व ठगी के अलावा कुछ भी नहीं किया है। लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री ने जनता से वायदा किया था कि हमारी सरकार केन्द्र में आने के बाद देश में किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करेगी और देश के सभी मजदूरों को न्यूनतम मानदेय लागू किया जाएगा। लेकिन सरकार आज अपने वायदे से पलट गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बैठी भाजपा की सरकार पर्यटन प्रदेश के नाम पर केदारनाथ में जनता के करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर रही है और गौरीकुंड यात्रा पड़ाव से होते हुए केदारनाथ तक घोड़े-खच्चर मजदूरों से हर दिन हजारों रूपए टैक्स वसूल रही है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव में मजदूरों को नदी किनारे गंदे मलब के ढेर में रहना पड़ रहा है। पुलिस द्वारा गौरीकुंड में मजदूरों पर लाठियां भांजी जा रही हैं।
सभा में विक्रम सिंह पंवार, मनबर सिंह नेगी, जय सिंह नेगी, बलवीर, विजय लाल, जसपाल श्रीवाण, भीम सिंह रावत, हुकम सिंह, कमला देवी, सरिता देवी, नंदा देवी, रूकमणी देवी, माहेश्वरी देवी, कौशल्या देवी, गीता देवी, रूकमणी देवी, गोदांबरी देवी, लाजवंती देवी, सतेश्वरी देवी आदि मौजूद थे।