गोबर से निकला सोना चमक रही बेरोजगार युवाओ की तक़दीर..
उत्तराखंड : कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए सरकार ने देश भर में लॉकडाउन का फरमान तो जारी कर दिया था। लेकिन इस फरमान से गरीबों का जीवन दूभर हो गया हैं। लोग अपना शहर और राज्य छोड़ कर दूसरे शहर और राज्यों को जाने वाले दिहाड़ी मजदूर से लेकर रिक्शा-ठेला चलाने वाले परेशान हो गए हैं। उनके सामने रोजी का संकट हैं। रोजगार चला गया हैं। कामगारों को नौकरी से निकाल दिया गया हैं। नतीजा यह है कि अपना शहर और राज्य छोड़ कर जाने वाले लोग वापस अपने गांव-घर लौट रहे हैं लेकिन अब उनके सामने रोजगार की समस्या पैदा हो गयी हैं।
पर कहते हैं ना कि अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो मिट्टी को भी सोना बनाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पौड़ी के कुछ युवाओं ने। विजेंद्र, संदीप, संतोष और मनीष ऐसे चार युवा हैं, जिनकी रोजी-रोटी कोरोना की भेंट चढ़ गई। बावजूद इसके इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और गांव में निष्प्रयोज्य पड़े गोबर के ढेरों में अपनी आर्थिकी का जुगाड़ ढूंढ लिया। आज चारों युवा गोबर के दीपक बनाकर उनसे अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।
द्वारीखाल की बड़ी ग्रामसभाओं में शामिल है ग्रामसभा बमोली। करीब सौ परिवारों वाले इस गांव की आबादी बारह सौ से अधिक है। ग्राम बमोली के निवासी विजेंद्र रावत लॉकडाउन से पहले हरिद्वार, संदीप हिमाचल प्रदेश में नौकरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। मनीष और संतोष दिल्ली में नौकरी करते थे। लॉकडाउन हुआ तो चारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया और चारों घर वापस लौट आए। खेतीबाड़ी का अनुभव नहीं था, इस कारण खेती में भविष्य तलाशने की जरूरत महसूस नहीं की, लेकिन गांव में रोजगार का प्रबंध करना इन युवाओं के लिए बड़ी चुनौती बन गई।
ऐसे में इन युवाओं ने गोबर से दीपक बनाने का प्रशिक्षण लिया और गांव में ही दीपक तैयार करने शुरू कर दिए। ग्राम प्रधान विनीता बताती हैं कि सौ परिवारों वाली इस ग्राम सभा में प्रत्येक घर में दो-तीन गाय हैं। ऐसे में गांव में गोबर की कोई कमी नहीं है। इन दिनों युवकों को दीपक बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं। और युवक गोबर के दीपक बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। बताया कि अब कोटद्वार से भी दीपक के ऑर्डर आ रहे हैं। दीये बना रहे इन युवकों ने बताया कि भी उन्हें दीये बनाते हुए मात्र एक सप्ताह का समय हुआ है और इस एक सप्ताह में वे दो हजार दीयों की सप्लाई कर चुके हैं, जबकि तीन हजार दीये अगले एक-दो दिनों में भेज दिए जाएंगे। ग्राम बमोली में इन दिनों गोबर से दिए बनाने को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है।