उत्तराखंड

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता मिलन कार्यक्रम में जमकर हंगामा

उत्तरकाशी जिले में तैनात शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा ने आज यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता मिलन कार्यक्रम में जमकर हंगामा कर डाला। जानी-मानी बॉलीवुड अभिनेत्री मधुरिमा तुली की मौसी हैं शिक्षिका 

देहरादून : शिक्षिका अपना ट्रांसफर उत्तरकाशी से देहरादून करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची थीं। स्थानांतरण के संबंध में तत्काल कोई कार्रवाई न होने से बिफरी शिक्षिका ने मुख्यमंत्री के लिए सरेआम अपशब्द कहे। इस पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षिका के निलंबन के भी निर्देश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा पिछली कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष भी हंगामा कर चुकी हैं। करीब 57 वर्षीय उत्तरा पंत बहुगुणा, मधुरिमा तुली की मां और पर्वतारोही विजया पंत तुली की छोटी बहन हैं। बताया जा रहा है शिक्षिका वर्तमान में यहां देहरादून में रह रही हैं। उनका एक पुत्र और एक पुत्री हैं। पुत्र जॉब कर रहा है।

बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सरकारी अवास के जनता मिलन हॉल में लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुन रहे थे। कई अधिकारी और काफी संख्या में लोग व मीडियाकर्मी इस दौरान मौजूद थे। तभी शिक्षिका उत्तरा स्थानांतरण संबंधी अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से मिलीं।शिक्षिका ने अपनी बात कही और मुख्यमंत्री ने अपनी। इसी बीच, अचानक शिक्षिका के तेवर उग्र हो गए और वे जोर-जोर से बोलने लगीं। इस पर मुख्यमंत्री रावत भी तैश में आ गए और चेतावनी दी कि उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा।

इसके बाद महिला ने मुख्यमंत्री के लिए अपशब्द बोलना शुरू कर दिया, जिस पर सीएम ने खुद पुलिस को निर्देश दिए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। पुलिस शिक्षिका को हिरासत में लेकर बाहर जाने लगी, तो वह फिर चिल्लाने लगीं और शराब कारोबार को लेकर भी अनाप-शनाप बोलीं।शिक्षिका का कहना था कि वह पिछले 25 साल से भी ज्यादा से दुर्गम में हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत का कहना है कि उत्तरकाशी में तैनात शिक्षिका देहरादून अपना स्थानांतरण चाहती थीं। वे जब जनता मिलन कार्यक्रम में पहुंचीं, तो मुख्यमंत्री ने गौर से उनकी बात को सुना।

मुख्यमंत्री ने शिक्षिका को स्पष्ट किया कि चूंकि, उनका जिला कैडर है, लिहाजा नियमानुसार स्थानांतरण उत्तरकाशी जिले के भीतर ही हो सकता है। स्थानांतरण एक्ट लागू हाेने के बाद वे खुद इस मामले में कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। बकौल रावत, मुख्यमंत्री ने शिक्षिका को आश्वास्त किया कि फिर भी वे अपने स्तर से पूरे मामले को दिखवाएंगे और यदि संभव हुआ तो अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरण के संबंध में प्रयास करेंगे। लेकिन शिक्षिका अचानक उग्र हो गईं और अनाप-शनाप बाेलने लगीं। इस पर मुख्यमंत्री को कार्रवाई के लिए कहना पड़ा।

उधर, शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के परिजनों का कहना है कि वे पिछले 25 साल से उत्तरकाशी जिले के दुर्गम विद्यालय में तैनात हैं। वहीं पर उनके पति की भी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। काफी लंबे समय से आवेदन के बाद भी उनका स्थानांतरण नहीं किया गया।जिससे परेशान होकर वे बृहस्पितवार को मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखने गईं, लेकिन सीएम उनकी समस्या नहीं समझ पाए। जिस कारण विवाद की स्थिति बनी।

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