बेटे ने दिखाया घर से बाहर का रास्ता..
देश-विदेश : वैसे तो भारतीय संस्कृति में मर्यादा पुरुषोत्तम राम, भरत, श्रवण कुमार और भक्त प्रह्लाद जैसे पुत्रों की कहानियां बचपन में ही बच्चों को सुनाई जाती हैं। उनके जैसा पुत्र बनने की शिक्षा सभी युवाओं को मिलती है। लेकिन अब इसे पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव कहें या फिर भारतीय संस्कृति का तेजी से होता विनाश। जिंदगी के अपने अंतिम सालों में घर के बुजुर्ग की चाहत परिवार के साथ रहने की होती है। परिवार में चीजें ठीक-ठाक नहीं रहने, वित्तीय दबाव, जीवन के आखिरी सालों में साथी की जरूरत जैसे कारणों से कई बार बुजुर्गों को अपने आखिरी दिनों का समय वृद्धाश्रमों में गुजारना पड़ता है। परिवार होने के बावजूद कई बार बुजुर्गों को घर वाले वृद्धाश्रमों में या सड़क पर छोड़ देते हैं।
सोशल मीडिया पर ऐसी कई कहानियां वायरल होती रहती है। इन दिनों सुनील पाल नामक 80 साल के एक बुजुर्ग की कहानी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, इस आर्टिस्ट का नाम सुनील पाल है। सुनील पाल की उम्र 80 साल है. वो कोलकाता के गोलपार्क के गरीआहट रोड के एक्सिस बैंक के सामने सुन्दर पेंटिंग्स के साथ बैठते हैं। इतनी सुन्दर पेंटिंग्स के बावजूद एक पेंटिंग से उनकी कमाई 50-100 रुपये ही हो पाती है।
ट्विटर पर आरिफ शाह नाम के अकाउंट यूजर ने इन 80 साल के आर्टिस्ट की कहानी को लोगों के साथ शेयर किया है। आरिफ की पोस्ट्स के अनुसार, उनके बच्चों ने उन्हें छोड़ दिया है और इस बुरे दौर में उनकी हमसफर भी उनके साथ नहीं है, दरअसल उनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। अपने पोस्ट में आरिफ ने लोगों से मांग की है कि उनकी पेंटिंग खरीदें, ताकि उनकी कुछ मदद हो सके।
Note that Sunil Pal is mostly there on Wednesday and Saturday.
— Aarif Shah (@aarifshaah) November 7, 2020
कोलकाता की सड़कों के किनारे अपनी पेंटिंग बेचेने वाले इस शख्स की कहानी सुनने के बाद कई लोगों ने उनकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इससे पहले ‘बाबा के ढाबा’ चलाने वाले बुजुर्ग दंपति की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिसके बाद लोगों ने उनकी जमकर मदद की थी।