दहेज की मांग पूरी न होने पर गर्भवती को मारने में पति को 10 वर्ष की कैद..
उत्तराखंड: दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर गर्भवती महिला को मिट्टी तेल डालकर जलाकर मारने के मामले में द्वितीय एडीजे सहदेव सिंह ने पति और सास को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास और दोनों पर छह-छह हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
वहीं, ससुर और मामा को दहेज उत्पीड़न में 3-3 वर्ष का कठोर कारावास और दोनों पर पन्द्रह सौ रुपये का जुर्माना लगाया है। शिकायतकर्ता महिला सुशीला ने 14 अप्रैल 2015 की रात सिडकुल क्षेत्र के गांव में गर्भवती महिला पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने, दहेज के लिए उत्पीड़न और मारपीट करने का आरोप लगाया था।
शिकायतकर्ता ने गर्भवती के पति गुरमीत पुत्र अतरसिंह, सास गुड्डी पत्नी अतरसिंह, ससुर अतर सिंह पुत्र शोभा राम निवासीगण ग्राम औरंगाबाद सिडकुल, हाल पता शिवालिक नगर कोतवाली रानीपुर और पति का मामा सुभाष पुत्र धर्मपाल निवासी नई कुंडी थाना पथरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि उसकी पुत्री लखविंदर कौर की शादी आरोपी गुरमीत सिंह से हुई थी। पीड़ित पक्ष ने अपनी हैसियत से शादी में पांच लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन पुत्री के ससुराल वाले मिले दान दहेज से खुश नहीं थे।
ससुराल वालों पर लगातार पुत्री को दहेज के लिए प्रताड़ित और मारपीट करने का आरोप लगाया था। घटना से कुछ दिन पहले आरोपी गुरमीत सिंह देहरादून से अपने गांव औरंगाबाद आकर रहने लगा था। 13 अप्रैल 2015 की रात ससुराल वालों ने पुत्री को जान से मारने के लिए शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने का प्रयास किया था।
पीड़िता को हायर सेंटर देहरादून में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना के एक वर्ष बाद सिडकुल पुलिस ने आरोपी पति गुरमीत सिंह, सास गुड्डी, ससुर अतरसिंह और सुभाष के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 14 गवाह पेश किए।