उत्तराखंड

जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने की डीपीसी चुनाव कराने की मांग…

क्यूंजाघाटी की समस्याओं को लेकर किया जायेगा संघर्ष: सुमंत

जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने की डीपीसी चुनाव कराने की मांग…

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत ने कहा प्रभावी रूप से कार्य करने में आ रही दिक्कतें…

रुद्रप्रयाग। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने निर्वाचन आयोग से जिला नियोजन समिति के चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मार्च माह में डीपीसी चुनाव संपंन होने थे, मगर सरकार के तीन साल पूरे होने और कोरोना महामारी के कारण चुनाव की तिथि स्थगित कर दी गयी और अब तक चुनाव नहीं कराये गये हैं। पंचायत चुनाव को एक साल पूरा होने जा रहा है और डीपीसी चुनाव न होने से जिला पंचायत सदस्य प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।

यहां जारी विज्ञप्ति में जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है, जबकि बिहार राज्य की जन संख्या करोड़ों में है और उत्तराखण्ड में मार्च माह से अभी तक जिला नियोजन समिति के चुनाव नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे होने पर डीपीसी चुनाव की तिथि 24 मार्च रखी गयी और 22 मार्च को देश में लगे लाॅक डाउन के चलते चुनाव स्थगित किये गए और तब से लेकर अब तक चुनाव को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है।

उन्होंने कहा कि बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें तकरीबन सात करोड़ 29 लाख मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे। उत्तराखंड में जिला योजना समिति में मतदाताओं की संख्या दो सौ करीब है, बावजूद इसके इतने छोटे से चुनाव को लेकर चुनाव आयोग कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग कोरोना महामारी का बहाना बनाकर प्रदेश में जिला योजना के चुनाव को टाल रहा है, जो कि जनता से चुनकर आए प्रतिनिधियों के सम्मान पर कुठाराघात है।

 

प्रदेश में कोरोना के मामले बिहार की तुलना बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जिला नियोजन समिति के चुनाव को लेकर नामांकन और नामांकन पत्रों की जांच एवं नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि मतदान की तारीखों को दो बार आगे बढ़ाया जा चुका है। पहले निर्वाचन आयोग द्वारा 18 मार्च को जिला नियोजन समिति के लिए मतदान की तारीख निर्धारित की गई थी, लेकिन 18 मार्च को राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने पर राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम होने थे। ऐसे में चुनाव की तारीख को बढ़ा कर 24 मार्च किया गया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ये तारीख भी अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी गई। जिसकी वजह से अभी तक राज्य में नियोजन समिति का गठन नहीं हो सका है।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि बिना जिला योजना समिति की सहमति के जिला योजना की धनराशि खर्च करना दुर्भाग्यपूर्ण है। रुद्रप्रयाग जिले में 15 डीपीसी मेम्बर निर्विरोध चुने गए हैं, लेकिन चुनाव न होने से ये सदस्य प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा नगर निकाय के एक पद पर भी डीपीसी चुनाव होना है। साथ ही चार सदस्यों को सरकार द्वारा नामित किया जायेगा। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि जल्द से जल्द जिला नियोजन समिति का चुनाव किया जाय।

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