उत्तराखंड

आखिर कब सुधरेगी सरकारी अस्पतालों की हालत? फिर फर्श पर हुई डिलीवरी..

आखिर कब सुधरेगी सरकारी अस्पतालों की हालत ? फिर फर्श पर हुई डिलीवरी..

सरकारी अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी…

पति ने लगाए आरोप जच्चा-बच्चा को पैदल इधर-उधर लेकर घूमता रहा स्टाफ..

देहरादून : दून महिला अस्पताल में महिला दर्द से कराहती रही, लेकिन न डॉक्टर आए और न कोई सुविधा मिली। नतीजतन महिला ने बच्ची को फर्श पर ही जन्म दे दिया। सवा माह के भीतर दून महिला अस्पताल में लापरवाही का यह दूसरा बड़ा मामला है।अचानक बच्ची के फर्श पर जन्म लेने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मां-बच्ची दोनों सलामत हैं। दून महिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को चकराता निवासी गर्भवती मनीषा तोमर वर्तमान निवासी सुंदरवाला को रायपुर सीएचसी से रेफर किया गया।

वह अपने पति के साथ दोपहर में अस्पताल पहुंची। पति बच्चन तोमर का कहना है कि डॉक्टर ने बच्चे के जन्म का समय नजदीक होने और दून अस्पताल ले जाने को कहा था। इसके बाद जब वह सुबह महिला अस्पताल पहुंचे तो मनीषा को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाया।

लेबर रूम में ले जाने की बजाय वह इधर-उधर घुमाते रहे। मनीषा को अल्ट्रासाउंड कराने को बोला गया। वह अल्ट्रासाउंड के लिए आधे घंटे तक इंतजार में खड़ी रही। अचानक तेज दर्द होने लगा तो वह लेबर रूम वापस आ गई।

आरोप है कि डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लौटा दिया। वह लेबर रूम से बाहर निकली ही थी कि गैलरी में ही प्रसव हो गया। आनन-फानन में गर्भवती को उसके पति और वहां मौजूद लोग उठाकर लेबर रूम ले गए, जहां गर्भवती महिला का आगे का इलाज किया गया। महिला के पति का यह भी आरोप है कि स्टाफ ने उनकी पत्नी से व्हीलचेयर भी छीन ली।

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