कोरोना के बाद अब आया दिमाग खाने वाला ये वायरस..
देश-विदेश: कोरोना वायरस संकट के बीच अमेरिका में बहुत तेजी से दिमाग को खाने वाला घातक अमीबा नेगलेरिया फाउलरली फैल रहा है। यह अमीबा अब दक्षिणी राज्यों से होते हुए अमेरिका के उत्तरी राज्यों तक फैल रहा है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह अमीबा अब धीरे-धीरे उत्तरी राज्यों की ओर बढ़ रहा है।
इसी का नतीजा है कि अब अमेरिका के मध्यवर्ती पश्चिमी राज्यों से भी नेगलेरिया फाउलरली अमीबा के केस सामने आने लगे हैं। इनमें मिन्नेसोटा, कंसास और इंडियाना से 6 मामले सामने आए हैं। सीडीसी ने कहा कि कोई व्यक्ति इस अमीबा से दूषित पानी के पीने मात्र से अमीबा नेगलेरिया फाउलरली से संक्रमित नहीं हो सकता है। वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह दिमाग को खाने वाला जीवाणु आमतौर पर मिट्टी, गर्म झील, नदियों और गर्म जलधाराओं में पाया जाता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं की मानें तो इस साल इंडियाना, नॉर्थ डकोटा, मिशिगन, विंसिकान्सिन और ओहायो जैसी जगहों पर इस अमीबा का संक्रमण पहले से बहुत ज्यादा हो रहा है जबकि हर साल इस अमीबा से होने वाली बीमारियों का आंकड़ा लगभग एक बराबर रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 से लेकर 2018 तक इस अमीबा के संक्रमण के 34 मामले सामने आए थे। वहीं, 1962 से 2018 तक अमेरिका में इस तरह के संक्रमण के 145 मामले सामने आए थे। कुछ महीने पहले इंसानी दिमाग खाने वाले इस अमीबा की वजह से टेक्सास में छह साल के एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है, जिसके बाद लोगों को आगाह किया गया था और सरकारी जलापूर्ति का पानी उपयोग न करने की अपील की गई थी।
उस समय टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने इस संबंध में सूचना जारी करते हुए कहा था कि इस अमीबा का रेप्लिकेशन तेज होता है यानी यह बहुत तेजी से अपना प्रतिरूप तैयार करता है। ऐसे में यह इंसानों के लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता है।
कैसे फैलता है इस जानलेवा अमीबा का संक्रमण..
दिमाग को खा जाने वाला यह अमीबा ताजे पानी में पाया जाता है। बेहद ही सूक्ष्म यह जीव नाक के जरिए इंसानी दिमाग तक पहुंच कर संक्रमण फैला सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जलस्रोतों का रख-रखाव ठीक से नहीं करने पर इस अमीबा का संक्रमण फैल सकता है। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, इस नए खतरे को देखते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।