उत्तराखंड

केदारनाथ हाईवे पर नासूर बना डेंजर जोन

केदारनाथ हाईवे पर नासूर बना डेंजर जोन , हाईवे केदारनाथ यात्रा के साथ ही प्रशासन के लिये बना मुसीबत

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ हाईवे पर नासूर बने डोलिया देवी डेंजर पर भूस्खलन होने का सिलसिला जारी है। हाईवे आये दिन बंद होने से केदारनाथ यात्रा प्रभावित हो रही है। हाईवे को लेकर अब प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल डोलिया देवी में हाईवे का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही हाईवे कटिंग से ग्रामीणों को रही समस्याओं के बारे में पूछा। दरअसल, केदारनाथ हाईवे पर डोलिया देवी में पिछले एक सप्ताह से बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी है। यहां पर लगातार मलबा गिरने से केदारनाथ यात्रा ठप पड़ गई है। साथ ही हाईवे पूर्ण रूप से कीचड़ में तब्दील हो गया है। हाईवे पर घंटों तक जाम लग रहा है। कभी-कभी तो हाईवे दो दिनों तक बंद रह रहा है। हाईवे लगातार बंद रहने से प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं। यात्री केदारनाथ नहीं जा पा रहे हैं। यात्रियों को यहां पर घंटों तक हाईवे खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है। कई यात्री तो यहां पर हाईवे बंद होने से वापस लौट रहे हैं। वह केदारनाथ नहीं जा रहे हैं। डीएम ने भी हाईवे का निरीक्षण कर दलदल हो चुके हाईवे पर पत्थर बिछाने के निर्देश दिये हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर फाटा के समीप डोलिया देवी में हो रहे भूस्खलन से मलबा आने से सड़क दलदल हो गयी है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने एनएच को दलदल सड़क को ठीक करने के लिए पत्थर बिछाने के निर्देश दिये, जिससे यातायात होता रहे। साथ ही जिलाधिकारी ने डोलिया देवी के समीप गांव से आ रहे पानी को पाइप से डायवर्ट करने व चट्टान को प्लास्टिक से इस तरह कवर करने को कहा, जिससे पानी प्लास्टिक से होकर आ सके। जिलाधिकारी ने हाईवे के ऊपर बसे खाट गांव में जाकर गांववासियों से भी मुलकात की। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि एनएच विभाग द्वारा गांव के पानी को पाइपों से गांव की दूसरी तरफ डाला गया है, जिससे कुछ राहत मिली है, लेकिन बारिश का पानी खेतों से होकर जाता है जिससे पुनः वही स्थिति बन जाती है।

ग्रामीणों ने भूस्खलन से प्रभावित हुए खेत और गौशाला क्षतिग्रस्त के मुआवजे की मंाग की। सहायक अभियन्ता एनएच. तथा राजस्व उपनिरीक्षक फाटा ने बताया कि जिन ग्रामीणों के खेत और गौशाला क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका मुआवजा बना दिया गया है। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि जिन लोगों के भूस्खलन से खेत व गौशाला क्षतिग्रस्त हुए हैं उन लोगों को शीघ्र मुआवजा दिया जायेगा। ग्रामीणों द्वारा मांग की गयी कि आलवेदर रोड की कंटिग सड़क के ऊपर की ओर न की जाय, उससे गांव को खतरा हो सकता है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि आलवेदर सड़क की कंटिग सर्वे के अनुसार की जायेगी। गांव को किसी प्रकार का खतरा नहीं होने दिया जायेगा। इस अवसर ग्रामीण विष्णुकान्त, प्रमोद कुमार, भगवती प्रसाद, वंशी प्रसाद, रमेशचन्द्र, नितिन, प्रदीप, पशुपतिनाथ, अधिशासी अभियन्ता एनएच जितेन्द्र त्रिपाठी, सहायक अभियन्ता वन्दना, उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चैहान, तहसीलदार जयवीरराम बधानी सहित अन्य मौजूद थे।

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