चीन का ईरान और इस्राइल पर साइबर हमला, चुराया अहम डाटा..
देश-विदेश: चीन लगातार अपनी विस्तारवादी नीतियों से दुनिया के कई देशों को तनाव देता आ रहा है। इसी बीच चीन ने इस्राइल, ईरान, सऊदी अरब और कई अन्य देशों के सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के समूहों का डाटा भी हैकिंग करके चुराया है। जानकारी के अनुसार यह साइबर हमला प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक प्रगति की जानकारी जुटाने के लिए किया गया हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में कैलिफोर्निया स्थित अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा कंपनी फायर आई ने यहा खुलासा किया है कि यह साइबर हमला, प्रौद्योगिकी व व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा तथा उन्नति के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दीर्घकालिक जासूसी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है। फायर आई का कहना हैं कि इन हमलों में चीन के हैकरों ने निजी व सरकारी संस्थाओं का फाइनेंस, तकनीक और कारोबारी डाटा चुरा लिया है। जिसमें यूजर डाटा भी शामिल है। फायर आई ने आगे कहा कि चीन मध्य-पूर्वी सभी देशों के साथ व्यापार करता है, ऐसे में उसका मकसद प्रमुख तकनीकी विकास के लिए खुफिया जानकारी हासिल करना रहा है।
फायर आई के खुलासे में सामने आया हैं कि चीनी साइबर समूह एनसी-215 ने हैकिंग के लिए फोकस एफ जोर्ड और हायपरब्रो नाम के मालवेयर का इस्तेमाल किया। चीन ने इस साइबर हमले की जिम्मेदारी ईरान पर थोपने की कोशिश भी की है। हैकरों को पता था कि इस्राइल इस हमले की जांच करेगा, इसी मकसद से उन्होंने ईरान से जुड़े सबूत छोड़े ताकि हमले का शक ईरान पर जाए।
2014 से साइबर अटैक कर रहा एनसी-215..
चीन का एनसी-215 समूह 2014 से मध्य-पूर्व, यूरोप, एशिया और अमेरिका में साइबर अटैक कर रहा है। हैकर्स का यह समूह सरकारी संस्थाओं और तकनीक, टेलीकॉम, डिफेंस, फाइनेंस व हेल्थ केयर सेक्टर को निशाना बनाता है। इससे पहले यह हैकर समूह ईरान और कजाखस्तान पर भी साइबर हमले कर चुका है।