डोबरा चांठी पुल की मास्टिक में पड़ी दरार..
सवालों के घेरे में आई निर्माणदाई गुप्ता कंपनी..
उत्तराखंड: नवंबर 2020 की ही बात हैं। जब नई टिहरी के निवासियों के हिस्से भारत का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी पुल अनमोल तोहफे के रूप में आया था। लेकिन 9 महीने के भीतर ही पुल की सच्चाई सबके सामने आ गई है। उद्घाटन को साल भर भी नहीं हुआ है और डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने लगी हैं। ऐसे में निर्माणदाई गुप्ता कंपनी सवालों के घेरे में आ चुकी है और स्थानीय लोगों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
यह टिहरी की जनता की उम्मीदों का पुल है। 15 साल से इस पुल के निर्माण को लेकर टिहरी की जनता ने लंबी लड़ाई लड़ी है। 15 साल के बाद इस पुल ने आकार लिया है। यह पुल टिहरी की जनता का संघर्ष है। बीते 8 नवंबर को उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था उस समय भी इस बीच पर दरार पड़ी थी जिसको कंपनी ने उसी समय ठीक करवा दिया था।
साल भर के भीतर ही सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर मास्टिक के जोड़ों में दरारें पड़ने से जनता के अंदर आक्रोश साफ तौर पर आक्रोश दिखाई दे रहा है। लोग गुप्ता कंपनी के ऊपर तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं और इसी के साथ कंपनी के खिलाफ जांच की मांग भी कर रहे हैं। निर्माण कार्य में घटिया माल इस्तेमाल करना ऐसी कंपनियों की पुरानी आदत है।
देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज की असलियत भी आखिरकार सबके सामने आ गई है। ब्रिज पर पड़ीं दरारें यह सबूत हैं कि निर्माणदाई कंपनी ने घटिया माल के साथ पुल का निर्माण किया है और यही कारण है कि यह पुल साल भर भी टिक नहीं पाया और अभी से इसमें दरारें पड़ने शुरू हो गईं। प्रताप नगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होना चाहिए।