एम्स के निदेशक ने कहा कि मरीज किस राज्य से है, उसे इलाज मिलना चाहिए..
दिल्ली में फील्ड अस्पताल बनें, जिससे बेड की कमी ना हो…
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में 31 जुलाई तक 5.5 लाख आएंगे..
पहले भी दे चुके है विवादित बयान दिल्ली सरकार..
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के कोरोना मरीजों का इलाज होगा..
देश-विदेश : दिल्ली में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो, केजरीवाल सरकार के इस फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने तो पलट दिया है. लेकिन ये अभी भी बहस का मुद्दा बना हुआ है. केजरीवाल सरकार के इस फैसले को दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कोई मरीज आए और उसे इलाज की जरूरत है तो ऐसे में ये मायने नहीं रखता है कि वो किस राज्य से है. उसे इलाज मिलना चाहिए.
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के कोरोना मरीजों का इलाज होगा. उनके इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था और ये चर्चा का मुद्दा बन गया था. हालांकि बाद में उपराज्यपाल ने सरकार के फैसले को पलट दिया था.
एम्स के निदेशक ने क्या कहा…
दिल्ली सरकार के फैसले पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोई मरीज अगर दिल्ली आ रहा है और उसे इलाज की जरूरत है तो ऐसे में ये मायने नहीं रखता है कि वो किस राज्य से है. क्योंकि वह एक इंसान जिसको इलाज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मरीज तो मरीज है. जो भी पास में अस्पताल है वहां पर उसका इलाज होना चाहिए. जिससे उसकी जान बच पाए.
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में 31 जुलाई तक 5.5 लाख केस कोरोना के हो सकते हैं, इस पर एम्स निदेशक ने कहा कि इससे पहले कई लोग मार्च में भी कहे थे कि इतने केस आएंगे. वेंटिलेटर की जरूरत ज्यादा होगी. लेकिन मैं कहूंगा कि देश में फिलहाल इतने मरीज नहीं आ रहे. ये आंकड़े एक आशंका हैं. अस्पतालों में बेड की कमी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सीरियस मरीजों के लिए बेड रखना होगा. फील्ड अस्पताल बनाना होगा, जिससे केस बढ़ें तो उसका इस्तेमाल किया जा सके.