दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण का पहला दिन आज..
देश-विदेश: आज से कोविड-19 महामारी से निर्णायक जंग की शुरुआत के लिए मंगल टीकाकरण अभियान से शुरू हो गया हैं। दुनिया के सबसे बड़े अभियान के लिए टीके देशभर में पहुंच गए हैं। कोविड-19 महामारी टीका पहले चरण में 3 करोड लोगों को लगाया जायेगा। इनमें स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
बस अब इंतजार उस पल का है जब अभियान के तहत देश में पहले व्यक्ति को टीका लगाकर कोरोना के अंत के लिए लड़ाई का बिगुल बज जाएगा। इस अभियान की शुरुआत के साथ ही प्रधानमंत्री कोविड-19 इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) एप की शुरुआत करेंगे, जहा पर हर व्यक्ति को पंजीकरण कराना होगा।
टीका लगवाने जाएं तो इस बात का रखें ध्यान..
जिस मोबाइल पर टीका लगवाने के लिए संदेश आया हो उसे अपने पास ही रखें। समय पर पहुंचे टीकाकरण केंद्र पर फोटोयुक्त पहचान पत्र अधिकारियों के समक्ष पेश करना होगा। किसी तरह का कोई सवाल या संकोच हैं, तो वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी को बताएं। टीका लगने के बाद कम से कम 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर ही बैठें रहे। क्यूंकि टीके की दूसरी डोज उसी केंद्र पर लगेगी। दूसरे केंद्र पर टीका लगवाने न जाएं।
केंद्र के चार भाग..
प्रवेश- टीका केंद्र पर आपके पहचान पत्र की जांच होगी
पुष्टि- एप पर पहचान पत्र की पुष्टि होगी
टीका- स्वास्थ्य कर्मी आपको टीका लगाएंगे
निगरानी- आप 30 मिनट तक केंद्र पर डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे
टीके के दुष्प्रभाव..
जहां इंजेक्शन लगा वहां दर्द होना, थकान लगना, हल्का बुखार।
टीका लगवाने के लिए वेबसाइट या को-विन एप पर पंजीकरण अनिवार्य है इसमें व्यक्तिगत जानकारी के साथ पहचान पत्र और किसी रोग से ग्रसित है तो उसका पूरा ब्यौरा भी आपको अपलोड करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है ऐसे में वह पर परेशानी हो सकती है।
टीके की आपूर्ति..
सीरम के सीईओ के अनुसार, 50 करोड़ डोज का उत्पादन जुलाई तक हो जायेगा। जिसका वितरण अन्य देशों में भी होगा। ऐसे में शुरुआती छह महीनों में टीके की कमी संभव है। सुरक्षा और प्रभाव का आकलन करते हुए स्पूतनिक वी, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया फाइजर, और मॉडर्ना के टीके को भी मंजूरी मील सकती हैं।
टीकों को 2 से 8 डिग्री तक सुरक्षित रखने के लिए देशभर में 8931 कोल्ड चेन सेंटर बने हैं। इनमें से सबसे अधिक 52 प्रतिशत 15072 सेंटर एक तिहाई आबादी वाले 6 राज्यों में हैं। अन्य 48 प्रतिशत सेंटर 30 राज्यों में हैं।
वही टीके को लेकर लोगों में संकोच की स्थिति भी है। इसका प्रमुख कारण परीक्षण के नतीजों व प्रभाव पर भ्रामक खबरें भी हैं। कई जाने-माने लोगों द्वारा टीका न लगवाने की बात कहने से भी अभियान पर बुरा असर हो सकता है।