उत्तराखंड

केदारनाथ में गरूड़चट्टी जाने के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण

केदारनाथ में गरूड़चट्टी जाने के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण लोक निर्माण विभाग के मजदूरों ने 12 घंटे में तैयार किया पुल , एक बार में पुल के सहने की क्षमता चार कुंतल, तीर्थयात्रियों एवं साधु संतों में खुशी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में गरूड़चट्टी को जाने वाले पुल के बहने के बाद लोक निर्माण ने कड़ी मशक्कत करते हुए मात्र 12 घंटे में अस्थाई तौर पर नया पुल तैयार कर दिया है। इस पुल की क्षमता चार कुंतल सामान एक बार में ले जाने की है। पुल निर्माण के बाद साधु-संतों, मजदूरों एवं तीर्थ यात्रियों ने राहत की सांस ली है।

दरअसल, केदारनाथ में लगातार हो रही बरसात के कारण मंदाकिनी और सरस्वती दोनों नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया, जिसकी चपेट में गरूड़चट्टी को जाने वाला पुल भी आ गया। रविवार को पुल पूरी तरह से मंदाकिनी नदी में डूब गया, जिसके बाद नेहरू पर्वता रोहण संस्थान की लड़कियों ने बहादुरी का परिचय देते हुए मंदाकिनी नदी के ऊपर रस्सी के सहारे दूसरी ओर सामान पहुंचाया। पुल के डूबने के बाद लोक निर्माण विभाग में नई जगह पर अस्थाई पुल का कार्य शुरू किया। केदारनाथ में घाट के समीप नये पुल का निर्माण किया गया है, जिसकी क्षमता एक बार में चार कुंतल तक सहने की है। बारह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुल का निर्माण कार्य पूरा हो पाया। नये जगह पर बनाये गये पुल की ऊंचाई काफी बढ़ा दी गयी है, जिससे अब मंदाकिनी नदी के बढ़ने के बाद भी पुल को कोई खतरा उत्पन्न नहीं होगा।

लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता भरत सिंह कप्रवाण ने कहा कि लगातार केदारनाथ में बरसात होने से पुनर्निर्माण कार्य में दिक्कतें हो रही हैं। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि गरूड़चट्टी की ओर भी कार्य करवाये जा रहे हैं। गरूड़चट्टी को जाने वाले पुल के मंदाकिनी में डूबने के बाद सबसे बड़ी समस्या साधु-संतों और मजदूरों को राशन पहुंचाने की थी। ऐसे में नेहरू पर्वता रोहण संस्थान की लड़कियों ने मंदाकिनी नदी के ऊपर रस्सी के सहारे खाने-पीने की सामाग्री पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि बरसात के कम होते ही गरूड़चट्टी की ओर से पुल का आधार स्तम्भ बनाना शुरू किया। मजदूरों ने बरसात में भी काम नहीं रोका और अस्थाई पुल का निर्माण करते रहे। उन्होंने बताया कि लगातार बारह घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद अस्थाई पुलिया का निर्माण किया गया है।

इसकी क्षमता एक बार में सामान ले जाने की चार कुंतल तक है और पुल की ऊंचाई भी काफी बढ़ा दी गयी है, जिससे मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने पर भी पुल पर कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं एसआई विपिन चन्द्र पाठक ने कहा कि पुल निर्माण के बाद स्थानीय लोगों, मजदूरों, साधु-संतों एवं तीर्थयात्रियों ने राहत की सांस ली है। पुल बनने से तीर्थयात्री गरूड़चट्टी के लिए आसानी से जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसात में भी मजदूर पुल निर्माण में डटे रहे, जिससे जल्दी ही निर्माण कार्य पूरा हो पाया।

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