उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप..
उत्तराखंड: लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश सरकार की पांच गलतियां उत्तराखंड में कोरोना विस्फोट का कारण बनी हैं।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ऑनलाइन बैठक में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और कोविड कंट्रोल रूम प्रभारी सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि महाकुंभ के अनियोजित, असंयमित, अनियंत्रित, आयोजन और आमंत्रण, इन पांच गलतियों से न केवल उत्तराखंड में बल्कि पूरे उत्तर भारत में कोरोना का विस्फोट हुआ। मात्र 20 दिनों में उत्तराखंड मृत्यु दर में देश में पहले नंबर पर पहुंच गया।
राज्य में लगातार कोरोना की रफ़्तार बढ़ती ही जा रहा है। ऑक्सीजन सिलिंडरों, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और वेंटीलेटरों की भारी कमी है। एआईसीसी ने आश्वासन दिया कि केंद्रीय कंट्रोल रूम की ओर से राज्यों को हर संभव सहायता की जाएगी।
एआईसीसी प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना हैं कि डॉक्टरी परामर्श के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का पैनल सराहनीय कार्य कर रहा है। इसी प्रकार से प्लाज्मा की उपलब्धता के बारे में भी सूचनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सांझा किया जा रहा है। जिसका संचालन एआईसीसी सचिव मनीष चतरथ ने किया। एआईसीसी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा, गुरदीप सप्पल ने समीक्षा की।
कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मामले में सरकार को विफल करार दिया है। कांग्रेस पार्टी का कहना हैं। कि सरकार तुरंत स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की ओर से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजा गया है।
जिसमें कहा गया हैं कि सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने कहा था कि सरकार जो भी कठोर कदम उठाएगी, विपक्ष उसमें सहयोग करेगा। सरकार के पास प्रदेश में फैली इस महामारी की विस्तृत जानकारी व तमाम विशेषज्ञ भी हैं। अभी तक सरकार द्वारा इस कोरोना चैन को तोड़ने के लिए जो कार्य किया जाना चाहिए था, सरकार उसमें पूरी तरह विफल साबित हुई है।
सरकार को दिए गए पत्र के अनुसार प्रदेश में लगातार प्रतिदिन पांच हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। प्रदेश में मृत्युदर भी सबसे ज्यादा है। इसको देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड, आईसीयू बेड और वेंटीलेटर युक्त बेड की बहुत कमी है। सरकार तत्काल प्रभाव से इसकी व्यवस्था करे, ताकि मरीजों एवं उनके परिजनों को राहत मिल सके।
साथ ही कहा गया हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कोई व्यवस्था नही हो पाई है। टेस्टिंग की व्यवस्था मजबूत की जाए, ज्यादा टेस्टिंग सेंटर खोलकर टेस्टिंग का दायरा बढ़ाते हुए अधिक से अधिक 24 घंटे में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। एक मई से टीकाकरण होना था, जो अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है। टीकाकरण को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए। कहा गया कि सरकार व मंत्री आए दिन बयान दे रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं का कोई अभाव नहीं है।