रुद्रप्रयाग। जिला योजना की कार्य समिति की वार्षिक बैठक जिले के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य को सदस्यों का इंतजार करना पड़ा। डीएम के आग्रह पर भी जब सदस्य बैठक में नहीं आए तो मजबूरन प्रभारी मंत्री को सदस्यों को बुलाने के लिए जाना पड़ा। हंगामेदार बैठक के बीच बिना योजनाओं के ही 40 करोड़, 83 लाख लाख का परिव्यय पारित किया गया।
शुक्रवार को जिला सभागार में आयोजित जिला योजना की वार्षिक बैठक हंगामेदार रही। प्रात: 11 बजे केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य सभागार में पहुंचे। लेकिन यहां जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल व विभागीय अधिकारी मौजूद थे। जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा व सदस्य बैठक में शामिल नहीं हुए। अधिकारियों के अलावा न तो जिला पंचायत अध्यक्ष थी और न सदस्य। कुछ देर इंतजार के बाद डीएम बाहर आए और जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्यों को बुलाने के लिए गए। लेकिन वे नहीं आए। इस पर, जिलाधिकारी सदन में लौट आए। कुछ देर बाद प्रभारी मंत्री से आग्रह किया गया कि उनके बुलाने पर सदस्य बैठक में आ जाएंगे। इस पर आर्य बाहर आए और सदस्यों से बैठक में शामिल होने को कहा। कुछ देर बाद जिला पंचायत अध्यक्ष राणा व कुछ सदस्य बैठक में शामिल होने पहुंचे। इसके बाद कार्रवाई शुरू तो हुई। लेकिन जोरदार हंगामे के साथ। सदस्यों का कहना था कि बीते वर्ष की तुलना में इस बार जिला योजना के परिव्यय में कमी की गई है। उन्हें बिना विश्वास में लिए बजट को तैयार किया गया है। इस दौरान सदस्यों द्वारा अधिकारियों के साथ तीखी बहस भी हुई।
करीब तीन बजे खत्म हुई बैठक में बिना योजनाओं को शामिल किए 40 करोड़ 83 लाख का परिव्यय पारित किया गया। अध्यक्ष व सदस्यों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बजट का जमकर विरोध किया। इस मौके पर विधायक भरत सिंह चौधरी व विधायक मनोज रावत, एडीएम तीरथ पाल सिंह, एसडीएम सदर मुक्ता मिश्र सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।