देहरादून। भारतीय सेना में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके जांबाज अफसर और केदारनाथ पुनर्निर्माण के नायक कर्नल अजय कोठियाल अब अपना जीवन पूरी तरह समाज को समर्पित करने जा रहे हैं। दरअसल, उनका वर्ष 2018 में ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोशन होना है, लेकिन वह सेना से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने की इच्छा जता चुके हैँ। इसके लिए उन्होंने बाकायदा आर्मी मुख्यालय को भी सूचना दे दी है।
कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित कर्नल कोठियाल का इतिहास अनगिनत कीर्तिमानों से भरा पड़ा है। भारतीय सेना के युद्ध प्रशिक्षण केन्द्र मऊ में मेजर अजय कोठियाल के नाम से एक स्क्वायड पोस्ट भी है। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सात आतंकवादियों को मार गिराने में कर्नल अजय कोठियाल का हाथ था। उनकी वीरता को देखते हुए उन्हें वर्ष 2013 में दूसरे सर्वोच्च सम्मान कीर्ति चक्र से नवाजा गया।
उन्होंने अप्रैल 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) में बतौर प्रिंसिपल कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद उनका सामना उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में आई आपदाओं से हुआ। सरकार ने उन्हें मार्च 2014 में केदारनाथ के पुनर्निर्माण की अहम जिम्मेदारी सौंपी।
इससे पूर्व 2001 में एवरेस्ट फतह करने पर उन्हें शौर्य चक्र प्रदान किया गया। जबकि 2011 में मनासलू चोटी फतह करने पर विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया गया। चाहे देश की सुरक्षा हो या सेवा भाव वह हर मोर्चे पर सबसे आगे खड़े रहे। निम के प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल केदारनाथ पुनर्निर्माण के साथ ही सामाजिक दायित्व भी निभा रहे हैं। अभी तक उनके मार्ग दर्शन में चल रहे यूथ फाउंडेशन के भर्ती कैंपों से उत्तराखंड के 22 सौ से अधिक युवा फौज में भर्ती हो चुके हैँ और वह अब देश की सेवा कर रहे हैं।
निम ने कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में 18 मार्च 2014 से केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम शुरू किया और साढ़े तीन साल में केदारपुरी की तस्वीर बदल दी। कर्नल कोठियाल को गरीबों का मसीहा और हितैषी के रूप में भी जाना जाता है। गरीब व्यक्ति के बीमार होने पर उसके उपचार के लिए वह सबसे आगे खड़े रहते हैं।
पैकअप के बाद भी बेरोजगार नहीं होंगे 25 सौ से अधिक युवा
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम देख रही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) अगले वर्ष अप्रैल 2018 के बाद पैकअप कर देगी। इसके बावजूद पुनर्निर्माण काम में जुटे 2500 से अधिक युवा बेरोजगार नहीं होंगे। इनके रोजगार के लिए निम के प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल कार्य योजना तैयार कर रहे हैं। ताकि अप्रैल 2018 के बाद भी निम से जुड़े युवाओं को रोजगार मिल सके। अब ये युवा उच्च हिमालयी क्षेत्र में भवन, हेलीपैड, कॉटेज, पुलों का निर्माण, क्रशर, वर्कशॉप व भारी मशीनों के संचालन में दक्ष हो चुके हैं।
निम के प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि केदारनाथ के पुननिर्माण कार्य में अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं की भागीदारी है। अब युवा विपरीत परिस्थितियों में काम करने में माहिर हो गए हैं। पूरी मेहनत से निम की टीम ने केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम किया है। 2018 में निम केदारनाथ पुनर्निर्माण का प्रोजेक्ट पूरा देगा, इसको देखते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है।
श्री कोठियाल बताते हैं कि उनके साथ कार्य करने वाले इन युवाओं को विषम भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करने का अच्छा अनुभव है। इसके लिए इन्हें बाकायदा प्रशिक्षित किया गया है। केदारपुरी में काम छोड़ने के बाद भी इनके सामने रोजगार का संकट न हो, इसके लिए टीम के वरिष्ठ सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है और अप्रैल 2018 से पूर्व यह प्लान कार्यरूप में सामने आ जाएगा।