उत्तराखंड

कुदरत का कहर, बादल फटने से पूरे इलाके में आई जलप्रलय…

बादल फटने से तबाही, नदी का कटाव भी बढ़ा, नालियां और कृषि भूमि बही….

घाट क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के दौरान धुर्मा गांव के बीचोंबीच बह रहे बरसाती नाले में बादल फटने से दो आवासीय मकान पानी के सैलाब में समा गए….

चामोली : शनिवार देर रात को चामोली जिले के घाट में भारी बारिश के कारण धुर्मा गांव के सामने मोक्ष नदी के मुहाने पर बादल फट गया। इससे पूरे इलाके में चीख पुकार मची हुई है। बादल फटने के कारण पूरे इलाके के लोग पानी से परेशान हैं। धुर्मा इंटर कॉलेज सहित कई आवासीय मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही नदी का कटाव भी बढ़ गया है, जिसके कारण कई नालियां और कृषि भूमि भी बह गई। बदरीनाथ हाइवे गोविंदघाट में अभी भी बंद है। यहां लोक निर्माण विभाग और बीआरओ की जेसीबी हाइवे को खोलने में लगी हैं। घांघरिया से तीर्थयात्री गोविंदघाट पहुंच रहे हैं। इसके चलते बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा रुकी हुई है।

यात्रियों को वहां से निकालने के लिए बीआरओकी टीम गोविंदघाट में वैली ब्रिज लगाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, गोविंदघाट गुरुद्वारे के पास आए मलबे को हटाने का काम भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार रात भी चमोली के गोविंदघाट और थराली के गुड़म गांव में व पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में बादल फटने के कारण भारी नुकसान हुआ था। इस दौरान टीमटीया में एक मकान ढह गया था, जिसमें राम सिंह धर्मशक्तू नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

वहीं इलाके के भैंसखाल पंचायत घर का आंगन पूरी तरह बह गया था। इस भीषण आपदा में चार घरों के जमींदोज होने की खबर थी। बता दें कि रामगंगा नदी अभी भी उफान पर है। क्षेत्र के सभी नदी नालों का जल स्तर बढ़ गया है। एसडीआएफ की टीम लोगों की सहायता के लिए हर पल तैनात है।

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