उत्तराखंड

उत्तराखंड के इस जिले में कोरोना दे रहा है अशुभ संकेत, 274 बच्चे संक्रमण के शिकार..

उत्तराखंड के इस जिले में कोरोना दे रहा है अशुभ संकेत, 274 बच्चे संक्रमण के शिकार..

उत्तराखंड: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे प्रदेश में उत्पात मचा रखा है। इसी बीच राज्य में तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है। जो कि बच्चों के लिए बेहद घातक बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के ऊपर सबसे अधिक प्रभाव डालेगी। तीसरी लहर से पहले कोरोना की दूसरी लहर भी प्रदेश में बच्चों को तेजी से चपेट में ले रही है। यह लगभग सभी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसकी चपेट में कई बच्चे भी आ रहे हैं।

 

अगर बात करें रुद्रप्रयाग जिले की तो यहां पर कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिसके साथ ही यहां पर बच्चों के संक्रमित होने की संख्या भी लगातार बढ़ती ही जा रही है।आपको बता दे कि रुद्रप्रयाग में अब तक 274 बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं जिनमें से 71 बच्चे अभी होम आइसोलेट हो रखे हैं। जिला चिकित्सालय सहित सीएचसी, पीएचसी एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में रोजाना लगातार बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं और लगभग सभी को बुखार की शिकायत है।

 

बच्चों के ऊपर वायरस का और तेजी से फैल रहे वायरल बुखार का असर भी साफ तौर पर देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संक्रमित बच्चों के नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। इस बुखार के सीजन में बच्चों के स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान देना बेहद जरूरी है। रुद्रप्रयाग जिले के तीनों विकास खंडों में 1 साल के भीतर कुल 274 बच्चे संक्रमित हुए हैं और इन बच्चों की उम्र 1 से 14 साल तक की बताई जा रही है। इनके अंदर 168 बालक एवं 106 बालिकाएं शामिल हैं। 274 बच्चों में से 203 बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 71 बच्चे अपने-अपने घरों के अंदर होम आइसोलेट हो रखे हैं और वे इस समय रिकवरी स्टेज पर हैं।

 

जिले के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष का कहना है कि जिले में वर्तमान में कोरोना के साथ-साथ ही वायरल फीवर के केस भी तेजी से बढ़ रहे हैं और छोटे बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। कारण है छोटे बच्चों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उनको वायरल फीवर आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है। संक्रमित नवजात एवं छोटे बच्चों की विशेष तौर पर मॉनिटरिंग की जा रही है और बच्चों को नियमित रूप से विटामिन और अन्य जरूरी दवाइयां की खुराक दी जा रही है।

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