उत्तराखंड

स्वरोजगार योजना से मिल रहा युवाओ को रोजगार..

स्वरोजगार योजना से मिल रहा युवाओ को रोजगार..

उत्तराखंड: कोरोना महामारी के दौरान नौकरी छूट जाने से बेरोजगार होकर अपने जनपद चमोली लौटे युवाओं को अब मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ मिलने लगा है। आज ये बेरोजगार नौजवान स्वरोजगार अपनाकर अच्छी आजीविका अर्जित करने लगे है और अपनी आर्थिक स्थिति को पहले से बेहतर बता रहे है। आइए मिलाते है ऐसे कुछ नौजवानों से जिन्होंने कोरोना महामारी में भी हार नही मानी और सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार अपनाते हुए अपनी तकदीर संवारने का काम किया है।

 

जनपद चमोली के विकासखंड नारायणबगड, ग्राम किलोंडी निवासी 28 वर्षीय संदीप सिंह सजवान ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ लेकर गोपेश्वर हल्द्वापानी में मसालों का व्यापार शुरू कर अपनी आर्थिकी को सुदृढ बनाया है। कोरोना महामारी में प्रदेश में नौकरी छूटने के बाद घर लौटे संदीप सजवान बताते हैै कि लॉकडाउन से पहले वे हरिद्वार में एक होटल में नौकरी करते थे। अचानक लॉक डाउन लगने के बाद सब कुछ बंद हो गया तो वे घर आ गए। लेकिन घर पर कुछ समय बाद पैसों के अभाव में आर्थिक तंगी होने लगी तो उन्होंने स्वयं का बिजनेस करने की सोची। तभी उनको जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली। जिला प्रशासन चमोली ने उनके आवेदन को स्वीकार करते हुए ऋण आवंटन की मंजूरी दी।

 

इस योजना का तुंरत लाभ उठाते हुए उन्होंने हल्दापानी में मसाले बनाने एवं मसालों की पैकिंग का कारोबार शुरू किया। संदीप सजवान बताते है कि आज वे हल्दापानी शिव मंदिर के निकट देवभूमि मसाला नाम से अपना अच्छा कारोबार चला रहे है। यहाॅ पर धनिया, मिर्च, हल्दी पाउडर तथा गरम मसाला तैयार कर उसकी अच्छी ब्रान्डिंग और पैकिंग के साथ मार्केट में बेच रहे है। अपने खुद के स्वरोजगार से आज वे बैंक की किस्त, दुकान व मकान का किराया, खाना रहना तथा घर के अन्य खर्चो को वहन करने के बाद भी पहले के मुकाबले अच्छी बचत कर पा रहे है और अपना स्वरोजगार शुरू करने से बेहद खुश है। संदीप सजवान ने उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी का धन्यवाद करने के साथ ही उद्योग विभाग, एसबीआई सहित जिला प्रशासन का भी अभार व्यक्त किया है।

 

वही दूसरी ओर खैनोली गांव के रहने वाले 30 वर्षीय गौरव सिंह रावत बताते है कि वे दिल्ली में एक होटल में 18 हजार रुपये सैलरी पर जाॅब करते थे। लेकिन कोरोना महामारी में जाॅब छूट जाने के कारण घर आ गए और बेरोजगार हो गए थे। खराब आर्थिक स्थिति के कारण वे परेशान रहने लगे थे। तभी उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में पता लगा तो उन्होंने फौरन इसके लिए आवेदन किया। उनके आवेदन को स्वीकृत किया गया। आज वे गोपेश्वर मार्केट में अपनी स्पोटर्स वियर शाॅप से ट्रैक शूट तैयार कर बेच रहे है। जिससे वे 35 हजार तक मासिक कमा रहे है। स्वरोजगार के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराने पर उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।

 

घाट ब्लाक के चरी गांव निवासी विनय सिंह बताते है वे दिल्ली में भाजपा केन्द्रीय राष्ट्रीय महामंत्री संगठन कार्यालय में टेलीफोन ऑपरेटर के पद पर काम करते थे। कोरोना महामारी में वे घर आने के बाद फिर वापिस जाने में असमर्थ रहे। घर पर पिताजी विकलांग होने तथा परिवार में तीन भाई बहिनों में सबसे बडा होने के कारण सारी जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई थी। उन्होंने यहाॅ पर रहकर ही स्वरोजगार करने का मन बनाया और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से सब्सिडी युक्त ऋण लेकर रेडीमेड गारमेंट का बिजनेस शुरू किया। भानू रेडीमेंड गारमेन्ट्स की दुकान खोलकर आज उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। आज वे अपने परिवार को सभालने के साथ साथ एक अन्य व्यक्ति को भी रोजगार दे रहे है। विनय सिंह कहते है कि मै धन्यवाद करता हूॅ राज्य सरकार का जिन्होंने ऐसे विकट समय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू कर बेरोजगार हाथों को स्वरोजगार देकर एक नया खुशहाल जीवन जीने का सुनहरा अवसर दिया है।

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