ई-कचरे का स्टूडियो बना मिसाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की शुरुआत..
उत्तराखंड : प्रदेश का पहला ई-कचरे से बना स्टूडियो सबके लिए मिसाल है। खासतौर से उन लोगों के लिए जो कि ई-कचरे को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं। आईटी पार्क स्थित आईटीडीए में ई-कचरे से बने स्टूडियो की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ई-कचरे के निपटान के बारे में जन जागरुकता जरूरी है प्रदेश में देश का पहला ग्रीन ई वेस्ट स्टूडियों बनकर तैयार हो चुका है। ई वेस्ट स्टूडियो का निर्माण, सरकारी दफ्तरों से जुटाए गए इलेक्ट्रोनिक कचरे से किया गया है। इस स्टूडियो का निर्माण आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा की देखरेख में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय सूचना राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने इसे आईटीडीए की अच्छी पहल करार दिया। आईटीडीए के निदेशक अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ने ई-कचरे का इस्तेमाल करके यह स्टूडियो तैयार किया है। इसमें आंतरिक ड्रोन रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है।
इस स्टूडियो को बनाने के लिए एकत्रित किए गए ई-कचरे को पुन: उपयोग कर 25 कंप्यूटर तैयार किए गए, जिन्हें की जनपद के 10 प्राथमिक विद्यालयों को भेंट किया गया है। इतना ही नहीं इस स्टूडियो के माध्यम से लोग ई-कचरे की कलाकृतियां बनाकर यहां अपने रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरुकता की कमी के कारण ई-कचरा, पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता जा रहा है। जिस कारण यह दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा बन चुका है।
ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2019 के अनुसार, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत ई-कचरा उत्पन्न करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। उन्होंने उत्तराखंड स्वान टीम से अरुण सिंह रावत, विश्वनाथ प्रताप व दीपेश चौहान और कन्या गुरुकुल महाविद्यालय कैंपस-2 की छात्राओं रिया पाल, मानसी थापा व शिवांगी सेन को स्टूडियो तैयार करने में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सूचना सचिव आरके सुधांशु भी मौजूद रहे।