उत्तराखंड

सीएमओ की इस पहल पर आपको भी गर्व होगा

प्रतिमाह अपने वेतन से दो हजार की करेंगी सहायता
बचपन से है सौंदा निवासी पंकज राणा दिव्यांग
सात साल पहले उठ गया था सिर से बाप का साया
मां के कंधों पर है परिवार के भरण-पोषण का जिम्मा
रुद्रप्रयाग। भरदार पट्टी के सौंदा गांव निवासी दिव्यांग पंकज राणा की मदद के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ सरोज नैथानी ने हाथ आगे बढ़ाए हैं। उन्होंने पंकज के भरण-पोषण का जिम्मा उठाते हुए उम्रभर दो हजार रूपये प्रति माह देने का भरोसा भी परिजनों को दिलाया है। दिव्यांग पंकज की मदद करने पर क्षेत्रीय जनता ने डाॅ नैथानी की पहल का स्वागत किया और उनके कार्यों से अन्य अधिकारियों को भी प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

दरअसल, विकासखण्ड जखोली के भरदार पट्टी क्षेत्र के अन्तर्गत सौंदा गांव निवासी पंकज राणा जन्म से ही दिव्यांग होने के कारण देख नहीं सकता है। आज तक किसी भी सामाजिक संगठन ने दिव्यांग पंकज की मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाए थे, जबकि सरकार की ओर से भी पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की गई। ऐसे में पंकज के परिवार जनों के सामने काफी समस्या उत्पन्न होने लगी। 22 वर्षीय पंकज राणा की मां काम पर जाने से पहले उसे रस्सी से बांधकर कमरे में बंद कर देती है और जब वह घर लौटती है तो उसके बाद कमरा खोलकर पंकज को बाहर लाती है। जब यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पहुंची तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सौंदा गांव का भ्रमण किया। जब वे पंकज के घर पहुंची तो उन्होंने देखा कि युवक चलने में असमर्थ है और हाथ भी काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने घर के हाल देखे तो स्थिति बेहद नाजुक थी।

पता चला कि पंजक 15 साल का था, उस समय पिता का साया उसके सिर से उठ गया। परिवार में कोई अन्य कमाने वाला भी नहीं है। परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी मां सरोज देवी के ऊपर है। पंकज के दो और छोटे भाई भी हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। सरोज देवी मेहनत मजदरी करके अपने घर को चला रही हैं। पंकज और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खाने-पीने की कोई उचित व्यवस्था भी नहीं है। यह सब देख सीएमओ डाॅ नैथाणी की आंख भर आई और उन्होंने पंकज के बेहतर खानपान के लिए दो हजार रूपये देने का वादा किया। यह धनराशि वे अपने वेतन से देंगी और उम्रभर पंकज को यह सहायता मिलती रहेगी।

पंकज की मां सरोज देवी कहती हैं कि गरीबी जैसी बीमारी किसी को न लगे, यह में दुआ करती हूंॅं। पति के मरने के बाद घर की जिम्मेदारी अधिक हो गई और आज स्थिति यह है कि खाने के लिए भी पैंसे नहीं रहते। मजदूरी करके किसी तरह लालन पालन हो रहा है। प्रशासन ने भी कभी हमारी ओर कोई ध्यान नहीं दिया हैं। कहा कि जन्म से ही पंकज चल फिर नहीं सकता है और घर में कमाने वाला भी कोई और नहीं है। जब वह काम पर चली जाती हैं तो पंकज को घर के अंदर बंद करके जाना पड़ता है। वहीं सीएमओ डाॅ सरोज नैथानी ने बताया कि आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को भी गरीब, बेसहारा, अपंग व दिव्यांग लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। कहा कि सांैंदा गांव के समीप ही एक और दिव्यांग है, जिसकी सहायता पर भी की जायेगी। जिले में ऐसे मामलों पर नजर रखी जा रही है और आरबीएसके की टीम से भी फीड बैक लिया जा रहा है।

इधर, क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आशा डिमरी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ सरोज नैथाणी की पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार की मदद के लिए डाॅ नैथाणी ने हाथ आगे बढ़ाकर एक अनूठी पहल की शुरूआत की है। समाज में कईं ऐसे लोग हैं, जो गरीबों की मदद को आगे आ रहे हैं। कहा कि दिव्यांग पंकज की मदद के लिए अन्य सामाजिक संस्थाओं से भी बातचीत की जा रही है।

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