चारधाम यात्रा तीर्थाटन रोजगार पर चर्चा..
कोरोना संकट से उबरने के लिए उत्तराखंड में एक विशेष वेबिनार..
उत्तराखंड; चारधाम यात्रा में एक विशेष सेमीनार का आयोजन हुआ। एबी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वेबिनार में आत्मनिर्भर भारत और धार्मिक पर्यटन की भूमिका पर चर्चा हुई। चारधाम यात्रा और धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी का आधार हैं। कोरोना संकट ना होता तो हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आते, लेकिन ऐसा हो ना सका। कोरोना और इसके चलते लगे लॉकडाउन ने धार्मिक पर्यटन को बुरी तरह प्रभावित किया है.
इस संकट से कैसे उबरना है और धार्मिक पर्यटन के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को कैसे साकार किया जा सकता है, इसके लिए एक सेमीनार भी आयोजित किया गया था.जिसमे मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर आचार्य जितेंद्रानंद सरस्वती मौजूद रहे, जबकि विशेष अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने वेबिनार में हिस्सा लिया।
इस मौके पर आचार्य जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि तीर्थाटन से श्रद्धालु को मन की शांति मिलती है, और तीर्थस्थल के लोगों को रोजगार मिलता है। प्रदेश में तीर्थाटन के जरिए रोजगार के अवसर विकसित किए जाने चाहिए।
तीर्थस्थल से जुड़े अनगिनत व्यवसाय हैं। जिनसे महिलाओं और युवाओं को जोड़कर रोजगार पैदा किया जा सकता है ,उत्तराखंड सरकार यहां के तीर्थस्थलों को विकसित करने की दिशा में हर जरूरी प्रयास कर रही है। वेबिनार में सुबह-ए बनारस के फाउंडर और सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा और लायंस क्लब के पूर्व गर्वनर राजकुमार अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने वेबिनार में देवभूमि के चारों धामों और समस्त तीर्थस्थलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से देवभूमि का देशभर में अलग स्थान है, और एबी फाउंडेशन पिछले 6 महीने से हर रविवार एक नए विषय पर वेबिनार का आयोजन कर रहा है।