उत्तराखंड

अधिग्रहित जमीन का मुआवजा न मिलने से पशोपेश में प्रभावित..

चारधाम परियोजना प्रभावितों ने की जिलाधिकारी से मुलाकात..

सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तिलवाड़ा का मामला..

रुद्रप्रयाग: चारधाम सड़क परियोजना से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रभावितों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। इस मौके पर प्रभावितों को एक ज्ञापन भी सौंपा। चारधाम सड़क परियोजना संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित तिलवाड़ा में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा न मिलने से प्रभावित असमंजस की स्थिति में हैं। पिछले दो साल से प्रभावित अधर में लटके हैं। अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि उनकी जमीन/मकान अधिग्रहित की जाएगी या नहीं। ऐसी स्थिति में प्रभावित अपने मकानों को रिपेयर तक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। प्रभावितों की मांग है कि इस मामले में जल्द स्थिति स्पष्ट की जाय। जिससे वह आगे कार्रवाई कर सकें।

जन अधिकार मंच के संरक्षक रमेश पहाड़ी ने कहा कि परियोजना के कारण प्रभावित दोराहे पर खड़े हो गए हैं। उनके सामने कई तरह के संकट है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। प्रभावित प्रभा सकलानी, कमला भंडारी, रेखा देवी,आषाढ़ सिंह, छंछरी देवी ने जिलाधिकारी से कहा कि पिछले दो वर्षों से प्रभावित विभागों के चक्कर काट रहे हैं। उनकी मांग है कि उन्हें या तो मुआवजा दिया जाय या फिर उनके भवनों के साथ छेड़खानी न की जाय। इनमें से किसी एक पर जल्द निर्णय हो। लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण यह समस्या पैदा हुई है। कोर्ट का फैसला आने के बाद भी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मुआवजे के लिए सरकार से पैसे की डिमांड भेजी गई है।

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