चारधाम में कपाट खुलने के बाद प्रतिरूपों और ग्रंथों को छूने की अनुमति नहीं..
उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चारों धामों के कपाट खुलने के समय से छेड़छाड़ नहीं की है, लेकिन स्थानीय लोगों को भी देवदर्शन की इजाजत नहीं दी है। कपाट खुलने के समय पूजा सांकेतिक रूप से होगी और जिसमे सिर्फ पूजा से जुड़े लोग ही शामिल होंगे। मंगलवार को देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन की ओर से कपाट खुलने के समय होने वाली पूजा आदि के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी कर दी गई हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि पूजा में मंदिर से संबंधित हक हकूकधारी, पुजारी, रावल आदि ही शामिल होंगे। अन्य लोगों के लिए चार धाम यात्रा स्थगित रहेगी।
ये दिशा-निर्देश जारी..
1- कपाट खुलने के बाद देवस्थान सुबह सात से शाम बजे तक खुले रहेंगे।
2- थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन जरूरी होगा।
3- बिना लक्षण वालों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।
4- फेस मास्क पहना जरूरी, सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।
5- गर्भ गृह में केवल रावल, पुजारी और संबंधित व्यक्ति ही जाएंगे।
6- मूर्तियों, घंटियों, प्रतिरूपों, ग्रंथों आदि को छूने की अनुमति नहीं।
7- मंदिरों में न प्रसाद बंटेगा और न ही टीका लगाया जाएगा।
8- देवस्थान में एक ही मैट, चादर आदि का उपयोग बार-बार नहीं होगा।
कपाट खुलने की तिथि..
यमुनोत्री – 14 मई
गंगोत्री – 15 मई
केदारनाथ – 17 मई
बद्रीनाथ – 18 मई
चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों को सीमित संख्या में नियमों का पालन करते हुए अनुमति दी जानी चाहिए। एसओपी जारी हो गई, लेकिन संबंधित पक्षों से राय तक नहीं ली गई। रावल सहित अन्य पक्षों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है तो अन्य लोगों को भी रिपोर्ट के आधार पर अनुमति दी जा सकती है।