उत्तराखंड

प्रशासन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना अतिक्रमण हटाना…

प्रशासन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना अतिक्रमण हटाना…

तीन माह में नहीं की गई कोई कार्रवाई, अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद…

बाहरी पूंजीपति व्यापारियों ने किया बुग्यालों में अतिक्रमण …

सवालों के घेरे में प्रशासन की कार्यप्रणाली…

रुद्रप्रयाग। तंुगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालो में हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही न होने से शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो प्रशासन की सह पर ही तंुगनाथ घाटी के बुग्यालो में अतिक्रमण हुआ है। दरअसल, तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालांे में विगत तीन वर्षो से ज्यादा ही अतिक्रमण हुआ है। स्थानीय प्रशासन व वन विभाग की आड़ में बाहरी पूंजीपतियों ने भी तुंगनाथ घाटी के बुग्यालों में अतिक्रमण कर घाटी के बुग्यालों की सुंदरता को गायब करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

वन पंचायत मक्कू व उषाड़ा भी बुग्यालों में हुए अतिक्रमण के समय क्यों मौन रहा, यह भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है। मीडिया में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेने के बाद जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी गिरीश गुणवंत के नेतृत्व में तीन सदस्यीय सीमित का गठन कर तंुगनाथ घाटी के बुग्यालो में हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जारी किए थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिला अधिकारी सहित वन विभाग के अधिकारियों ने तंुगनाथ घाटी का तूफानी दौरा कर घाटी में हुए अतिक्रमण को तीन दिन में हटाने का फरमान जारी किया। अतिक्रमण हटाने का फरमान जारी होते ही गरीब व छोटे तबके के व्यापारियों के होश उड़ गये।

समय पर छोटे तबके के व्यापारियों ने तंुगनाथ घाटी से अपना बोरिया बिस्तर समेटने में ही अपनी भलाई समझी। कुछ समय बाद स्थानीय प्रशासन व वन विभाग की टीमों द्वारा राजस्व ग्राम तुंगनाथ, चोपता, बनियाकुण्ड व दुगलबिटटा का सीमांकन तो किया, मगर अभी तक राजस्व ग्रामों के सीमांकन की कार्रवाई भी फाइलो में कैद हो गयी। विगत दिनों फिर तहसीलदार जयवीर राम बधाणी ने घाटी का भ्रमण कर सभी व्यापारियों को बुग्यालो से तीन दिन के अन्दर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये, लेकिन तीन माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी अतिक्रमण न हटने से स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन के साथ ही वन विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है।

स्थानीय सूत्रों की माने तो तंुगनाथ घाटी में बाहरी पंूजीपतियो ने प्रशासन की सह पर तंुगनाथ घाटी में अतिक्रमण किया है। लगभग एक वर्ष से शासन-प्रशासन स्तर से तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण हटाने की कवायद तो की जा रही है, मगर बुग्यालों में अतिक्रमण के यथावत रहने से घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालांे से अतिक्रमण हटाना स्थानीय प्रशासन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top