उत्तराखंड

विवाहित महिला को ब्लैकमेल करने वाले सक्स को मिली सजा

रुद्रप्रयाग : महिला के घर में घुसकर उससे अश्लील हरकत एवं शादी से पूर्व उससे प्रेम प्रसंग का ढौंग रचकर उसकी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोपी युवक को जिला सत्र एवं न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई है। जबकि युवक पर 1 लाख 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने अर्थदंड की राशि से 1 लाख पीड़िता को देने का आदेश भी सुनाया। राज्य की ओर से शासकी अधिवक्ता केपी खन्ना ने मामले की पैरवी की।

जिला न्यायालय ने त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मन:, काम: क्रोधस्तथा लोभस्तमादेतत्तत्रंयं त्येजत्…. का हवाला देते हुए बताया कि इस मामले में अभियुक्त नीरज नेगी ने पीड़िता के प्रेम और भावनाओं का गलत प्रयोग करते हुए जानबूझकर महिला के ससुराल में दाखिल हुआ। आरोपी ने पीड़िता को उसके ससुरालियों के सामने क्रोध की भावना से वसीभूत होकर निजता को उजागर किया। इसी कारण अदालत ने उसे दंड का भोगी माना।

अदालत में राज्य की ओर से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता केपी खन्ना ने बताया कि 23 दिसम्बर 2016 को पीड़िता ने थाना गुप्तकाशी में मामले की रिर्पोट दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि ऊखीमठ ब्लॉक के परकंडी गांव निवासी नीरज नेगी नाम के युवक ने फेसबुक पर उससे दोस्ती की और अपने को पुलिसमैन बताते हुए 2-3 साल तक प्रेम का नाटक कर पीड़िता की अस्मत से भी खेल गया। शादी का झांसा देकर उसने अश्लील वीडियो भी बनाया। बाद में नीरज नेगी विवाह करने से मुकरता रहा और उसे ब्लैकमेल करने लगा।

युवक के इनकार करने के बाद पीड़िता के परिजनों ने युवती का विवाह दूसरी जगह कर दिया। नीरज को इस बात से परेशानी हुई। वह विवाहिता के ससुराल पहुंचा और उसे ब्लैकमेल करने लगा। घर पर पीड़िता की सास मौजूद थी जिसे नीरज ने अपने आप को उनके बेटे का दोस्त बताकर परिचय दिया। सास ने बेटे का दोस्त होने के नाते उसे चाय भी पिलाई और गौशाला चले गई।

इस बीच नीरज ने पीड़िता से छेड़खानी करनी शुरू की और वीडियो दिखाकर इसे उसके पति और फेसबुक पर डालने की धमकी देने लगा। तब पीड़िता ने फोन से गुप्तकाशी से अपने रिश्तेदार बुलाए और पुरानी व्यथा सुनाई। 24 दिसम्बर 2016 को पुलिस ने नीरज को गुप्तकाशी के पास उसकी कार से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास लैपटॉप और मोबाइल भी बरामद किए। न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने नीरज को दोषी पाते हुए उसे 7 साल की सजा सुनाते हुए पुलिस हिरासत में जेल भेज दिया।

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