Rampur Tiraha Golikand आज के दिन को उत्तराखंड के लिए काले धब्बे के रूप में देखा जाता हैं
उत्तराखंड: आज के दिन 2 अक्टूबर 1994 की सवेरे अखबार में छपा यह फोटो बहुत कुछ बयां कर रहा हैं आन्दोलनकारी, पृथक उत्तराखण्ड की माँग के समर्थन में, 24 बसों में दिल्ली में धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे थे
1 अक्टूबर 1994 की आधी रात को पुलिस के दावे के अनुसार 24 राउंड फायरिंग में सात की मौत हुई थी इससे भी शर्मनाक और अमानवीय मामला तब हुआ जब गोलीबारी के बाद सैकड़ो महिलाओं के साथ सामूहिक ब्लात्कार जैसे शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया गया।
आज भी इस कांड में बड़ी मात्रा में लोग लापता हैं। इस गोलीकांड के बाद उत्तराखंड में आंदोलन और तेज हो गया। और 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग कर उत्तराखंड राज्य बनाया गया आज भी राज्य आंदोलनकारी और शहीदों के सपनों को याद कर काफी कुछ करने की जरूरत है।
Rampur Tiraha Golikand में ये हुए शहीद
– देहरादून नेहरु कालोनी निवासी रविंद्र रावत उर्फ गोलू
– भालावाला निवासी सतेंद्र चौहान
– बदरीपुर निवासी गिरीश भदरी
– अजबपुर निवासी राजेश लखेड़ा
– ऋषिकेश निवासी सूर्यप्रकाश थपलियाल
– ऊखीमठ निवासी अशोक कुमार
– भानियावाला निवासी राजेश नेगी