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डिजिटल पेमेंट कंपनियां अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए देंगी फंड ट्रांसफर की सुविधा..

डिजिटल पेमेंट कंपनियां अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए देंगी फंड ट्रांसफर की सुविधा..

देश-विदेश: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर एनईएफटी और रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट आरटीजीएस सुविधाओं का विस्तार किया हैं। आरबीआई गवर्नर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फिनटेक और पेमेंट कंपनियां भी एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकेगी। अब तक केवल बैंकों को आरटीजीएस और एनईएफटी भुगतान सुविधा का उपयोग करने की अनुमति थी। लेकिन अब आरबीआई का कहना है कि इस सुविधा को बढ़ाने जाने से फाइनेंशियल सिस्टम में सेटलमेंट रिस्क को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, देश में डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।

 

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर ही रहेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि जब तक ग्रोथ टिकाऊ नहीं हो जाती तब तक पॉलिसी रेट अकोमडेटिव ही रहेगी। यानी आपके होम और ऑटो लोन की ईएमआई पहले जैसी ही रहेगी। सस्ती ईएमआई के लिए आपको अभी इंतजार करना पड़ेगा। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने साल 2021-22 के लिए 10.5% जीडीपी का अनुमान जताया हैं। दास ने कहा कि TLTRO स्कीम की अवधि को छह माह के लिए (30 सितंबर, 2021) बढ़ाया जा रहा है. शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई अपने विभिन्न टूल्स के जरिए बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी सपोर्ट देना जारी रखेगा।

 

एमपीसी ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.2 फीसद, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसद और चौथी तिमाही में 5.1 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है. आरबीआई ने अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश की विकास दर 10.5 फीसद पर रह सकती हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदेगा। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भी सरकारी बॉन्ड्स की खरीद जारी रहेगी। केंद्रीय बैंक 15 अप्रैल को 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदेगा।

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