उत्तराखंड

बैंकों में हड़ताल से पैसे के लिए भटकते रहे उपभोक्ता

एटीएम भी हुए खाली, समय पर नहीं मिली सेलरी
सिर्फ दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव से नाराज है कर्मचारी
रुद्रप्रयाग। महज दो प्रतिशत वेेतन वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में गुरूवार को भी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताल की वजह से लेन-देन अटक रूक गया है। बैंक कर्मचारियों ने चेताया है कि अगर वेतन वृद्धि को आए प्रस्ताव में संशोधन न किया गया तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर हैं। रुद्रप्रयाग में 20 बैंकों की पचास से अधिक शाखाओं में काम ठप रहा। हड़ताल की वजह से करोड़ों रुपए का लेन-देन अटक गया है। हड़ताल के चलते आम लोगों को पैसे के लिए भटकना पड़ा। हड़ताल के चलते बैंकों की शाखाओं व क्षेत्रीय कार्यालयों पर ताले लटके रहे। चेक और ड्राफ्ट का समाशोधन पूरी तरह ठप रहा। इसके साथ ही नकदी का लेन-देन, आरटीजीएस, नेफ्ट आदि कार्य भी ठप रहे। वहीं इस हड़ताल से तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन आने में देर हो सकती है। हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों में हुई इन दो दिनों में कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। इसमें देरी हो सकती है। कैश के मामले में एटीएम व बैंक के भरोसे रहने वाले लोगों को नकदी का संकट झेलना पड़ा। एटीएम में उपभोक्ताओं को कैश नहीं मिला।

बैंक कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र के पांच साल बाद मात्र दो प्रतिशत की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव से बैंक कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। वर्ष 2012 में 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि हुई थी। बैंक कर्मियों को उम्मीद थी कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन में 30 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी। लेकिन सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उससे बैंक कर्मी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक लगातार मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की पगार बढ़ाने में कंजूसी बरत रहे हैं। बैंकों के उच्चाधिकारी अपने अधिकारों का गलत फायदा उठाकर करोड़ों के ऋण जारी कर रहे हैं। इसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।

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