उत्तराखंड

बद्रीनाथ हाईवे शिवनंदी में यात्रियों के लिए बना नासूर

15 घंटे बाधित रहने से यात्रियों को हुई दिक्कतें
शिवनंदी में राजमार्ग 20 मीटर धंसा
रुद्रप्रयाग। बद्रीनाथ हाईवे शिवनंदी में यात्रियों के लिए नासूर बनता जा रहा है। बार-बार राजमार्ग के धंसने और मलबे व बोल्डर गिरने के कारण यात्रियों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। स्थिति यह आ रही है कि राजमार्ग दस से पन्द्रह घंटे तक बाधित हो रहा है, जिस कारण यात्रियों को राजमार्ग पर दिक्कतें उठानी पड़ रही है।
बृहस्पतिवार सांय छः बजे के करीब शिवनंदी में राजमार्ग बीस मीटर तक धंस गया, जिसके बाद राजमार्ग को दुरूस्त करने में बीआरओ को पूरे 15 घंटे का समय लगा। शुक्रवार की सुबह राजमार्ग खुल पाया, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली। राजमार्ग के बंद होने से दोनों ओर वाहनों का जमावड़ा लगा रहा और यात्रियों को खाने-पीने की समस्या भी हुई। बरसाती मौसम में राजमार्ग पर चैड़ीकरण का कार्य किये जाने से यात्रियों में आक्रोश देखा गया। राजमार्ग को चैड़ा करने से पहाड़ी से बार-बार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे राजमार्ग बाधित हो रहा है।

इसके अलावा राजमार्ग र्कइं जगहों पर धंसने भी लगा है। ऐसी स्थिति ने बीआरओ को भी परेशानी में डाल दिया है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे शिवनंदी में खस्ताहाल हो गया है। राजमार्ग को दुरूस्त करने को लेकर बीआरओ को निर्देश दिये गये हैं। शिवनंदी में राजमार्ग बार-बार बाधित हो रही है, जिससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी दिक्कतें आ रही है।यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन हर समय तैनात है। वहीं चोपड़ा-गढ़ीधार मोटरमार्ग पर कुरझण के सपीप आये भारी मलबे के कारण आवागमन बंद रहा। लिंक मार्ग को खोलने के लिए विभाग की जेसीबी मशीन 12 घंटे बाद पहुंची।

लिंक मार्ग के बंद होने से ग्रामीणों को मीलों पैदल चलना पड़ा और अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा किया। ग्रामीण साकेत पुरोहित ने बताया कि चोपड़ा-गढ़ीधार मोटरमार्ग जगह-जगह जानलेवा बना हुआ है। मार्ग पर मलबा आने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतें आ रही है। कुरझण के पास आये मलबे को साफ करने के लिए विभागीय मशीन दूसरे दिन पहुंची। उन्होंने कहा कि दस हजार की जनसंख्या मोटरमार्ग से जुड़ी है। ऐसे में हर समय विभाग को मोटरमार्ग पर जेसीबी तैनात रखनी चाहिए, जिससे ग्रामीणों को दिक्कतें न उठानी पड़ें।

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