चमोली में लामबगड़ में भारी भूस्खलन के बाद बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया।
इससे बद्रीनाथ में दो हजार से अधिक यात्री फंस गए हैं।
चमोली : लामबगड़ में भारी भूस्खलन के बाद बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया। स्थिति यह है कि लामबगड़ स्लाइड जोन के नीचे व ऊपर से जाने वाला पैदल रास्ते भी टूट गया है, जिससे प्रशासन ने पैदल आवाजाही भी रोक दी है। उधर, हाईवे बंद होने से बद्रीनाथ में दो हजार से अधिक यात्री फंस गए हैं। कई यात्रियों को बद्रीनाथ, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में रोका गया है। प्रशासन रास्ता खोलने के काम में जुटा हुआ है।
बुधवार रात्रि को हालांकि मौमस साफ था, लेकिन लामबगड़ भूस्खलन जोन में चट्टान टूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तड़के भारी भरकम चट्टान टूटने से 50 मीटर मोटर मार्ग का अता-पता ही नहीं चला। इस भूस्खलन से लामबगड़ परगासी पैदल मार्ग व लामबगड़ भूस्खलन जोन से अलकनंदा किनारे होते हुए बनाए गए पैदल मार्ग भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। भूस्खलन से परगासी के ग्रामीणों की 20 नाली भूमि भी बर्बाद हो गई है। परगासी गांव के पास भूमि में दरारें पड़ी हैं।
सुबह लामबगड़ ट्रीटमेंट कार्य के पास से लोग पैदल आवाजाही कर रहे थे। लेकिन पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से यह पैदल मार्ग भी असुरक्षित होने के चलते प्रशासन ने पैदल आवाजाही भी रोक दी। मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार बल्लू लाल का कहना है कि पैदल मार्ग बनाने व सड़क खोलने का कार्य चल रहा है। प्रशासन तत्काल पैदल मार्ग से लोगों की आवाजाही कराने का प्रयास करा रहा है।
पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने कहा कि मौके पर एसडीआरएफ सहित पुलिस के जवान तैनात हैं। पैदल मार्ग सुचारु कर आवाजाही सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। हाईवे पर सड़क खोलने का कार्य चल रहा है, जिसके शुक्रवार तक खुलने की उम्मीद है। कहा कि बद्रीनाथ में दो हजार से अधिक यात्री मौजूद हैं। उन्हें बद्रीनाथ में ही ठहरने के लिए कहा गया है। बद्रीनाथ जा रहे यात्रियों को पांडुकेश्वर, गोविंदघाट व जोशीमठ में रोका गया है।
कछुवा चाल से बढी मुसीबत लामबगड़ भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट कार्य की कछुवा चाल से ही लोगों की मुसीबतें बढ रही है। तीन साल से चल रहे इस ट्रीटमेंट कार्य में 50 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। लेकिन कार्य के नाम पर नदी के किनारे दीवार देकर सड़क उठाई जा रही है। बार बार हो रहे भूस्खलन से ट्रीटमेंट कार्य को भी नुकसान पहुंच रहा है। भारी भूस्खलन के बाद परगासी गांव भी अब खतरे की जद में आ गया हे।