बदरीनाथ। भगवान बद्रीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का समापन हो गया। वैदिक मंत्रों के साथ जय बद्री विशाल उद्घोषों के बीच मुख्य पुजारी रावल ने पूजा की और शाम को 7.28 बजे कपाट बंद किए।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इसके बाद से ऋषि नारद भगवान बद्रीनाथ की पूजा करेंगे। रविवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्घालुओं ने बद्रीनाथ के दर्शन किए। इसके बाद बद्री विशाल के कपाट बंद होने से पूर्व उनकी विग्रह मूर्ति पर घृतकंबल ओढ़ाया गया।
कपाट बंद होने के बाद भगवान के प्रतिनिधि माने जाने वाले भगवान उद्धव की मूर्ति को पांडुकेश्वर के लिए डोली द्वारा रवाना किया गया। पांडुकेश्वर में ही विग्रह रूप में उद्घव होली की पूजा कर भगवान बद्रीनाथ को प्रसन्न करने का चलन है।
इस मौक़े पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्य सभा सांसद प्रदीप टमटा, मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहे।