उत्तराखंड

बद्रीनाथ की आरती से जुड़ी पाण्डुलिपियों का किया अवलोकन

बद्रीनाथ की आरती से जुड़ी पाण्डुलिपियों का किया अवलोकन , जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल पहुंचे स्यूपुरी गांव, परिजनों को पाण्डुलिपियों के संरक्षण का दिया भरोसा

रुद्रप्रयाग। पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी स्वर्गीय धन सिंह बत्र्वाल द्वारा लिखित बद्रीनाथ की आरती का जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अवलोकन किया। डीएम ने स्व0 बत्र्वाल के परिजनों से कहा कि पर्यटन, संस्कृति व धर्मस्व मंत्रालय की टीम गांव का भ्रमण कर पाण्डुलिपियांे का संरक्षण करेगी।

दरअसल, कुछ दिन पहले ही विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत स्यूपुरी गांव के बिरजोणा तोक निवासी महेन्द्र सिंह बत्र्वाल ने सोशल मीडिया के जरिये खुलासा किया कि उनके पास भगवान बद्रीनाथ की आरती पवन मंद सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम नित निकट गंगा बहति निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्वंभरम की पाण्डुलिपियां मौजूद हैं, जो साबित करती हैं कि उनके पूर्वज स्वर्गीय धन सिंह बत्र्वाल ने भगवान बद्री विशाल की आरती लिखी है। स्व0 बत्र्वाल के पड़पौत्र महेन्द्र सिंह बत्र्वाल ने बताया कि करीब 137 वर्ष पुरानी भगवान बद्री नारायण की आरती को विक्रम सम्वत् 1938 में 11 पदों में लिखा गया है, जिसके प्रमाण पाण्डुलिपियों में मिलते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में बद्री विशाल की आरती में सात पद हैं और आरती का पहला पद जो कि पवन मंद सुगन्ध शीतल है वह पाण्डुलिपि का पांचवा पद है। सोशल मीडिया के जरिये यह बात जिले के साथ ही पूरे प्रदेश और देश में फैल गयी। मंगलवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल स्वर्गीय धन सिंह बत्र्वाल के गांव पहुंचे और उनके पड़पौत्रों से मुलाकात की। स्व0 बत्र्वाल के पड़पौत्र महेन्द्र सिंह बत्र्वाल ने जिलाधिकारी को बताया कि पौराणिक तथ्यों के आधार पर पाण्डुलिपियों के अनुसार आरती उनके पूर्वजों द्वारा लिखित है, जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं।

श्री बत्र्वाल ने कहा कि उन्होंने भी अपने पूर्वजों से सुना है और उसी के आधार पर जानते हैं कि बद्रीनाथ से जुड़ी आरती स्वर्गीय धन सिंह बत्र्वाल ने लिखी थी। जिलाधिकारी श्री घिल्डियाल ने बद्रीनाथ की आरती से संबंधित पाण्डुलिपियों की गहनता से अवलोकन किया और कहा कि यह अमूल्य धरोहर है, जिसके संरक्षण के लिए जल्द ही पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्रालय की टीम गांव में आयेगी। इस मौके पर भूपेन्द्र सिंह बत्र्वाल, गम्भीर सिंह बिष्ट, धीरेन्द्र सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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