14 मई को ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना होंगे बाबा केदारनाथ..
डोली यात्रा में रखा जायेगा पौरारिण परम्पराओं का विशेष ध्यान..
शासन की गाइडलाइन का रखना होगा पूरा ध्यान..
रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से हिमालय गमन को लेकर तहसील प्रशासन, देवस्थानम् बोर्ड, तीर्थ पुरोहित समाज व हक-हकूकधारियों की आवश्यक बैठक तहसील परिसर में आहूत की गई, जिसमें सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के विकराल रूप धारण करने के कारण भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 14 मई को ऊखीमठ से गौरीकुण्ड के लिए रथ से रवाना होगी। 15 मई को डोली गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम पहुंचेगी। डोली यात्रा में पौराणिक परम्पराओं का विशेष ध्यान रखा जायेगा और डोली के साथ चलने वालों को शासन की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा तथा डोली के साथ चलने वाले प्रशासन, देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी, तीर्थ पुरोहितों तथा हक-हकूकधारियों की सैम्पलिंग के साथ ही वैक्सीन अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी।
बता दें कि तहसील प्रशासन की ओर से शासन द्वारा जारी गाइडलाइन को केदारनाथ के राॅवल भीमाशंकर लिंग के सामने प्रस्तुत की, जिसके बाद तहसील परिसर में आयोजित बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मामलों में निरन्तर वृद्धि होने से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 14 मई को निर्धारित समय पर रथ से गौरीकुण्ड के लिए रवाना होगी और 15 मई को गौरीकुण्ड से केदार धाम के लिए रवाना होगी तथा 17 मई को शुभ लगनानुसार भगवान केदारनाथ के कपाट परम्परानुसार खोल दिये जायेंगें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली की पूजा-अर्चना, अभिषेक व श्रृंगार परम्परा के अनुसार किया जायेगा तथा डोली के साथ चलने वालों को कोविड 19 की सैम्पलिंग तथा वैक्सीन लगानी अनिवार्य होगी तथा शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सभी जनमानस शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया गया तो समय रहते वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण पर समय से रोक लग सकती है तथा समय पर क्षेत्र का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय लौट सकता है, जिससे स्थानीय व्यापारियों के व्यवसाय का समय पर संचालन हो सकेगा।