उत्तराखंड

गोल्डन कार्ड धारक के इलाज को लेकर अब अस्पतालों में शुरू हो गई ये व्यवस्था..

गोल्डन कार्ड धारक के इलाज को लेकर अब अस्पतालों में शुरू हो गई ये व्यवस्था..

योजना में सूचीबद्ध होने के लिए अस्पतालों की नहीं चलेगी मनमर्जी..

 

 

 

 

 

 

 

गोल्डन कार्ड एक ऐसा कार्ड है जिसकी सहायता से देश का कोई भी व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना में चुने गए सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में अपना 5 लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। यह गोल्डन कार्ड उन गरीब लोगो को मिलेगा जो आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी होंगे।आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पात्रता आधारित योजना है जिसके अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को नामांकन या पंजीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं है।

 

उत्तराखंड: गोल्डन कार्ड एक ऐसा कार्ड है जिसकी सहायता से देश का कोई भी व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना में चुने गए सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में अपना 5 लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। यह गोल्डन कार्ड उन गरीब लोगो को मिलेगा जो आयुषमान भारत योजना के लाभार्थी होंगे।आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पात्रता आधारित योजना है जिसके अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को नामांकन या पंजीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं है। लाभार्थियों सीधे कैशलेस उपचार प्राप्त करने के लिए सूचीबद्ध अस्पताल जा सकते हैं। बात दे कि आयुष्मान भारत और राज्य अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों के इलाज के लिए बायोमैट्रिक और रेफरल व्यवस्था को बहाल किया गया। अब अस्पतालों में भर्ती होने वाले गोल्डन कार्ड धारक मरीज की बायोमैट्रिक की जाएगी। साथ ही निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों से रेफर की व्यवस्था रहेगी।

कोरोना महामारी के दौरान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को इलाज कराने में बायोमैट्रिक और रेफर करने की व्यवस्था में छूट दी थी। कोरोना संक्रमण थमने के बाद प्राधिकरण ने बायोमैट्रिक और रेफरल की व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया है। अब योजना में सूचीबद्ध 240 सरकारी और निजी अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को भर्ती करने से बायोमैट्रिक लगानी जरूरी होगी। इससे यह पता लग जाएगा कि जिस पात्र व्यक्ति का गोल्डन कार्ड बना है, उसी व्यक्ति का इलाज किया जा रहा है। योजना में यह भी व्यवस्था है कि गोल्डन कार्ड धारक मरीज को निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर किया जाएगा।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में पारदर्शिता के लिए बायोमैट्रिक और रेफरल की व्यवस्था है। कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों में भीड़ को कम करने के लिए बायोमैट्रिक और रेफरल व्यवस्था में छूट दी गई थी। अब कोरोना संक्रमण थम गया है। जिससे दोनों व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया गया है।

आपको बता दे कि आयुष्मान योजना में पसंदीदा स्पेशयलिटी की सेवाएं देने के लिए निजी अस्पतालों की मनमर्जी नहीं चलेगी। वर्तमान में प्रदेश के 240 अस्पताल योजना में सूचीबद्ध हैं। जिसमें 134 निजी अस्पताल शामिल हैं लेकिन कई बड़े अस्पतालों ने योजना में एक या दो स्पेशयलिटी की सेवाओं के लिए सूचीबद्ध किया है। जबकि अस्पताल में अन्य कई स्पेशयलिटी संचालित हो रही है। लेकिन अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से ऐसे अस्पतालों को योजना से बाहर किया जा रहा है। योजना में सूचीबद्ध होने वाले अस्पतालों को सभी उपलब्ध स्पेशयलिटी गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को उपलब्ध करानी होगी।

 

 

 

 

 

 

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