जनसंवाद यात्रा गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करे सरकार…
भाजपा-कांग्रेस पहाड़ की दुश्मन, दोनो को पहचान रही है जनता…
अल्मोड़ा। गैरसैंण को स्थायी राजधानी देखने के लिए पूरा पहाड़ लामबंद होने लगा है. त्रिवेंद्र सरकार को जितनी जल्दी हो यह बात समझ लेनी चाहिए वरना पहाड़ की जनता उन्हें इतिहास के कूड़ेदान में फैंक देगी. ‘जन संवाद यात्रा’ के संयोजक चारु तिवारी ने पिथौरागढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बात कही. उन्होंने कहा कि जिस उत्साह के साथ यात्रा को लोग समर्थन दे रहे हैं उससे साफ़ है कि पहाड़ वासी कांग्रेस-भाजपा के पाखंड को समझने लगे हैं.
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि स्थायी राजधानी गैरसैंण, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन और नए जिलों के गठन समेत तमाम ज्वलंत मुद्दों को लेकर पंचेश्वर से लेकर उत्तरकाशी तक की जा रही यह संवाद यात्रा सत्ताधारियों के लिए एक अल्टीमेटम है. जिला पंचायत अल्मोड़ा के जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के मूल भूत सवालों को लेकर हुक्मरानों ने पिछले अट्ठारह वर्षों में उत्तराखंड की जनता को जिस तरह छला है उसको लेकर सवाल पूछने का वक्त आ गया है.
युवा आंदोलनकारी प्रदीप सती और मोहित डिमरी ने कहा कि पहाड़ी प्रदेश की राजधानी गैरसैंण में हो यह राज्य आंदोलन के वक्त से ही जनता की मांग थी लेकिन भाजपा-कांग्रेस ने लगातार इस मांग को हाशिए पर धकेला. उन्होंने कहा गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए सभी से एकजुट होने की अपील की. त्रिवेंद्र सरकार को ग्रीष्मक़ालीन-शीतकालीन की सनक छोड़ कर गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी घोषित करनी होगी. इसके लिए पूरा पहाड़ एकजुट हो रहा है.
पत्रकार रोहित जोशी ने कहा कि सरकार पहाड़ की ज़मीनों को उद्योगपतियों के हवाले करने की साज़िश कर रही है जिसका प्रतिकार करना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि उत्तराखंड की रीढ़ रही है लेकिन इसे बड़ी साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है ताकि पूंजीपतियों के लिए आसान रास्ता तैयार किया जा सके. गैरसैंण से आए आंदोलनकारी नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि गैरसैंण राजधानी की मांग की अनदेखी से साबित होता है कि पहाड़ सरकार के एजेंडे में नहीं है. प्रेसवार्ता में वरिष्ठ आंदोलनकारी पूरन चंद्र तिवारी, दयाकृष्ण कांडपाल, रेखा धस्माना, शिवराज बनौला, विमला, बंदना कोहली, सोनी पटवाल, मान सिंह आदि मौजूद थे.