Air Strikes के बाद उत्तराखंड में भी जारी हुआ अलर्ट, सीमाओं की चौकसी
देहरादून : पाक अधिकृत कश्मीर में एयर स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के कुछ ही घंटे के भीतर देहरादून में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया। देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर सभी केंद्रीय रक्षा और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने बताया कि परिक्षेत्र के सभी जनपदों की पुलिस को संवेदनशील स्थानों और गतिविधियों तक लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सेना की ओर से की गई एयर स्ट्राइक को बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार सरकार और सेना आर या पार के मूड में है। इससे लोगों में जोश का संचार तो हुआ ही है, पुलिस और खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं।
आइजी अजय रौतेला ने बताया कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाने के साथ यात्रियों की कड़ी जांच के बाद ही भीतर जाने दिया जा रहा है। वहीं, इंडियन मिलिट्री अकादमी के आसपास रिहायशी इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (आइआरडीई) व डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन लेबोरेट्री (डील) व ऑर्डनेंस फैक्ट्री समेत सभी रक्षा और केंद्रीय संस्थानों के बार पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है।
आतंकी गतिविधियां हैं अलर्ट की वजह…
दुनियाभर में देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड लंबे समय से आतंकियों के निशाने पर है। विशेषकर धर्मनगरी हरिद्वार और शिक्षा नगरी देहरादून में बीते वर्षो में आतंकी गतिविधियां हो भी चुकी हैं। वर्ष 2016 में हरिद्वार में हरकी पैड़ी को उड़ाने की धमकी मिली थी। तब एनआइए ने हरिद्वार के रुड़की से चार संदिग्धों को पकड़ा था, जिनके तार आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े होने के प्रमाण मिले थे। इसी साल जौलीग्रांट एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी मिली थी। दून है बेहद संवेदनशील
दून में आइएमए, एलबीएस प्रशासनिक अकादमी, आइआरडीई समेत तमाम केंद्रीय संस्थान हैं, जिस कारण यह लंबे समय से आतंकी संगठनों के निशाने पर है। कई बार इन संस्थानों को उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। हेडली भी आया था दून वर्ष 2009 में आतंकी रिचर्ड हेडली उत्तराखंड भी आया था। इस दौरान उसने दून व मसूरी के दो नामी स्कूलों की रेकी की थी। इन स्कूलों में देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित घरानों के बच्चे पढ़ते हैं। वहीं, पिछले दिनों मारा गया हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी शोएब अहमद लोन देहरादून का छात्र रह चुका था।
आते हैं सैकड़ों विदेशी…
सूबे की राजधानी व पर्यटन स्थल बाहुल्य जनपद होने की वजह से हर रोज सैकड़ों की संख्या में विदेशी दून पहुंचते हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर शिकन पड़ना लाजिमी है। भूमिगत है पाक से आया संदिग्ध मई 2015 में पता चला था कि आतंकी संगठनों से ताल्लुक रखने वाला नावेद नाम का युवक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में रह रहा है। लेकिन, इसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है। सुरक्षा एजेंसिया उसकी तलाश में जुटी हैं। आशका जताई जा रही है कि वह अब भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड या आसपास के किसी राज्य में छिपा हुआ है।
सीमाओं की चौकसी
पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद अब किसी भी तरह की आशंका के मद्देनजर उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तराखंड की सभी सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही सभी सैन्य व महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है। इनमें जॉलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट भी शामिल है।
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बेहद अहम प्रदेश है। यहां चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगी हुई हैं। इतना ही नहीं, यहां लैंसडौन, रानीखेत, देहरादून, रुड़की, गौचर आदि में सैन्य बेस भी हैं। प्रदेश में अहम केंद्रीय संस्थानों व सैन्य बेस होने के कारण ये आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है।
हालांकि, पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद प्रदेश में पहले से ही अलर्ट जारी था, लेकिन अब चौकसी और अधिक बढ़ा दी गई है। सभी चेकप्वाइंट पर जांच तेज करने के साथ ही संस्थानों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। यहां तक कि रेलवे स्टेशन, बस अड्डों व एयरपोर्ट पर चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिव गृह नितेश झा का कहना है कि पूरी पुलिस फोर्स चौकन्नी है और किसी भी गतिविधि से निपटने में सक्षम हैं। वहीं, डीजी अशोक कुमार ने कहा कि सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।