देश/ विदेश

23 हजार फीट की ऊंचाई से हवा में उड़ा विमान का दरवाजा..

विमान का दरवाजा

23 हजार फीट की ऊंचाई से हवा में उड़ा विमान का दरवाजा..

खिलौने की तरह नीचे गिरने लगे लोग, अटकी यात्रियों की सांसें..

देश-विदेश : दुनियाभर में करोड़ो लोग हवाई सेवा (Air Service) के जरिए एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करते हैं. हवाई सफर को सबसे सुरक्षित और तेज रफ्तार वाला माना जाता है. हालांकि, क्या हो जब उड़ान के दौरान विमान का दरवाजा हवा में ही उड़ जाए और विमान के भीतर की सीटें उड़ने लगें. ये सोचकर ही रूह कांप जाती है कि इस दौरान विमान में बैठे यात्रियों पर क्या गुजर रही होगी. लेकिन एक ऐसा ही हादसा आज से करीब 31 साल पहले आज ही के दिन हुआ था. जब लॉस एंजेलिस (Los Angeles) से सिडनी (Sydney) जा रहे विमान का दरवाजा हवा में ही उड़ गया. इस हवाई दुर्घटना में नौ लोग मारे गए. हालांकि, विमान तुरंत ही हवाई पट्टी पर लौट आया, इस कारण इसमें सवार सैकड़ों लोगों की जान बच गई.

 

 

 

24 फरवरी, 1989 को यूनाइटेड एयरलाइन्स (United Airlines) के विमान ने लॉस एंजेलिस (Los Angeles) से सिडनी (Sydney) के लिए उड़ान भरी. विमान में 337 लोग और 18 क्रू मेंबर्स सवार थे. उड़ान के दौरान इसे हवाई के होनोलूलू (Honolulu) में रुकना था, जिसके बाद इसे आगे के लिए उड़ान भरनी थी. लॉस एंजेलिस से होनोलूलू तक उड़ान के दौरान विमान में किसी तरह की परेशानी देखने को नहीं मिली. हालात सामान्य थे और लोग आराम से अपनी सीट पर बैठे हुए थे. विमान होनोलूलू पहुंचा और फ्लाइट क्रू को इसमें कुछ दिक्कत महसूस हुई. इसके बाद इसमें कुछ बदलाव किए गए थे.

 

 

 

विमान से आसमान में उड़ने लगे यात्री..

विमान ने हवाई के होनोलूलू से सिडनी के लिए एक बार फिर यात्रा शुरू कर दी. तूफानी मौसम के मद्देनजर पायलट ने विमान में सवार सभी यात्रियों से सीट बांधने का अनुरोध किया. पायलट ने विमान की रफ्तार बढ़ाई और देखते ही देखते ये 23 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया. तभी फ्लाइट क्रू को थप की तेज आवाज आई. कुछ सेंकड के बाद ही विमान का कार्गो दरवाजा हवा में उड़ गया. दरवाजा तेजी से हवा में आगे बढ़ा और विमान के मुख्य हिस्से से जा टकराया. विमान में हवा का तेज झोंका आया और प्रेशर गड़बड़ा गया. दरवाजे के पास बैठे यात्रियों की सीटें हवा के प्रेशर के चलते उड़ गई. इन सीटों पर बैठे यात्री विमान से नीचे गिरने लगे. विमान में एक छेद हो चुका था.

 

 

 

पायलट को लगा कि विमान में हुआ है बम विस्फोट..

शुरुआत में पायलटों को लगा कि विमान के भीतर बम धमाका हुआ है. इसलिए उन्होंने विमान को एक सुरक्षित ऊंचाई पर ले गए, जहां हवा में सांस ली जा सकती है. साथ ही उन्होंने विमान को होनोलूलू की तरफ मोड़ दिया. दरवाजे और सीटों के उखड़ने के चलते विमान की आपातकालीन इमरजेंसी ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई. विमान के मलबे की वजह से इसका एक इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया. पायलट ने तुरंत विमान के इस इंजन को बंद कर दिया और बाकी के इंजन के सहारे लैंडिंग की तैयारी करने लगा. उसने विमान के ईंधन को गिराना शुरू कर दिया, ताकि लैंडिंग के दौरान तक विमान का वजन कम हो सके.

 

 

 

इंटरकोम ने काम करना बंद किया तो विमान में पहुंचा फ्लाइट इंजीनियर..

लैंडिंग से पहले पालयट ने फ्लाइट इंजीनियर को कहा है कि वह फ्लाइट अटेंडेंट्स को बताए कि हम विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले हैं. लेकिन इंटरकोम के जरिए उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था. इसके बाद फ्लाइट इंजीनियर ने तय किया वह देखेगा कि आखिर मामला क्या है. कॉकपिट से बाहर निकलने पर उसने देखा कि विमान के एक हिस्से में छेद हो गया, और कुछ लोग इसमें से उड़कर नीचे गिर चुके हैं. फ्लाइट इंजीनियर ने देखा की एक हिस्से में आग भी लग गई,जिसके बाद वह कॉकपिट में लौटा और उसने पायलट को विमान के भीतर के हालात की जानकारी दे दी.

 

 

 

लैंडिंग के 45 सेकंड के भीतर विमान से बाहर आए सभी लोग..

होनोलूलू के हवाई अड्डे के पास पहुंचने पर पायलट ने लैंडिंग गियर को बाहर निकालना शुरू किया. पायलट ने पूरी सावधानी और सूझबूझ का परिचय देते हुए विमान को सुरक्षित लैंड करवाया. इमरजेंसी घोषित किए अब 14 मिनट हो चुके थे. विमान के रनवे पर उतरते ही 45 सेकंड के भीतर सभी यात्री और फ्लाइट अटेंडेंट विमान से बाहर आ गए. इस हादसे में लगभग हर फ्लाइट अटेंडेंट को थोड़ी बहुत चोट आई थी. कुछ लोगों के कंधे उतर गए थे. विमान से नीचे गिरे नौ लोगों की समुद्र में तलाश की गई, लेकिन इनमें से कोई भी नहीं मिला. इसके बाद इन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top