उत्तराखंड

कुमाऊं मंडल में पि‍छले साल 442 दुर्घटनाओं ने छीन ली 271 लोगों की जिंदगी..

कुमाऊं मंडल में पि‍छले साल 442 दुर्घटनाओं ने छीन ली 271 लोगों की जिंदगी..

उत्तराखंड: पहाड़ों पर बदहाल हुई सड़के और घुमावदार मोड़ तो वही मैदानों में ओवरस्पीड व लापरवाही लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। कारण कोई भी हो मंडल भर में रोजाना एक से दो सड़क दुर्घटनाएं घटित हो ही रही है। जिसमें कुछ लोग अपनी जान गवा रहे हैं, तो कुछ जख्मी हो रहे है। बीते वर्ष मंडल में घटित हुई 442 सड़क दुर्घटनाओं में 271 लोग अभी तक अपनी जान गवा चुके है। जिसमें घायलों की संख्या 333 है। वही इनकी रोकथाम के लिए परिवहन निगम और पुलिस के अभियान व इंतजाम सही नही होने के कारण असल नतीजों तक नही पहुंचा जा रहा हैं।

 

कुमाऊं के पर्वतीय जिलों की घुमावदार सड़को पर वाहन चलाना आसान नही है। वही मैदानों में चौड़ी सड़को पर ओवरस्पीड और लापरवाही सड़क दुर्घटनाओं को दिन प्रतिदिन न्योता दे रही है। शराब पीकर वाहन चलाना हो या बदहाल सड़को पर ओवरलोड लेकर चलना सड़को पर रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है। आईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष जनवरी से दिसंबर तक मंडल भर में 442 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें 271 लोगों की जान चली गयी। इसमें उधमसिंह नगर में 271 हादसों में 188 लोगों ने जान गवा दी। जबकि अल्मोड़ा में सबसे कम तीन हादसे दर्ज हुए है। जिनमें दो लोगों की मौत हुई है।

 

कोरोना की रोकथाम को लगे लाकडाउन और लोगो की सीमित आवाजाही से सड़क हादसों पर लगाम तो फिर भी नहीं लगी। लेकिन उनमें कुछ हद तक कमी जरूर आयी है। 2019 में कुमाऊं में 567 सड़क हादसे हुए थे। जिनमें 341 लोगों की जान जाने के साथ ही 521 लोग घायल हो गए थे। वही 2020 में हादसों का ग्राफ कुछ गिरा है।

 

वही आईजी कुमाऊं अजय रौतेला का कहना हैं। कि सड़क हादसों की रोकथाम के लिए ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के साथ परिवहन विभाग के सहयोग से इन स्थानों पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कार्य किये जाते है। इसके साथ ही समय समय पर पुलिस जागरूकता अभियान भी चला रही है। लोग यातायात नियमों का पालन करे इसको लेकर चालानी कार्रवाई भी की जा रही है।

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