चमोली आपदा : तपोवन टर्नल से मिले 2 शव, एसडीआरएफ के कमांडेंट ने की मजबूती..
उत्तराखण्ड : चमोली जिला अंतर्गत तपोवन पावर प्लांट की टर्नल से रेस्क्यू टीम को आज तड़के दो शव मिले हैं। एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने इसकी मजबूती की है।
राज्य के चमोली जिला अंतर्गत जोशीमठ ब्लॉक के रैणी गांव में पिछले रविवार (7 फरवरी) को ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा में धौलीगंगा और ऋषि गंगा में जलस्तर अचानक बढ़ जाने से इस इलाके में व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। तपोवन में पावर प्लांट की टनल में फंसे 12 लोगों को उसी दिन आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम ने जिंदा बचा लिया था जबकि बड़ी टर्नल में 30 से 35 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई गई थी। इन जिंदगियों को बचाने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, सेना और स्थानीय प्रशासन की रेस्क्यू टीम लगातार एक सप्ताह से टर्नल से मलबा हटाने में जुटी हुई है। गुरुवार को अचानक पानी आने से कुछ देर के लिए टर्नल में बचाव कार्य रोकना भी पड़ा था।
शनिवार को उत्तरकाशी से ड्रिलिंग के लिए एक नई मशीन मंगाई गई और बचाव कार्य को तेज किया गया। इस क्रम में आज तड़के एसडीआरएफ की बचाव टीम को टर्नल से दो शव बरामद हुए हैं, जिनकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। आपदा प्रभावित इलाके से अभी तक कुल 40 शव मिल चुके हैं। फिलहाल टर्नल में राहत और बचाव कार्य जारी है।
इस बीच दो दिन पहले रैणी गांव के ऊपरी हिस्से में एक झील मिली है, जिसकी लंबाई लगभग 350 मीटर है। एसडीआरएफ की एक टीम ने शुक्रवार को जाकर इसका मौका मुआयना किया और टीम ने पाया कि इससे धीरे-धीरे पानी की निकासी भी हो रही है, इसलिए माना जा रहा है कि झील से इस इलाके में अब कोई खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों, एसडीआरएफ के कमांडेंट नवनीत भुल्लर और राज्य के पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने झील के बारे में कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया दी है। सतपाल महाराज ने कहा कि चूंकि झील से पानी का रिसाव हो रहा है, इसलिए झील से जिस खतरे की आशंका व्यक्त की जा रही थी, वह टल चुका है