नई दिल्ली.
अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि 30 जून की आधी रात से जीएसटी लागू हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल की 17वीं मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, हमारे पास इसे और ज्यादा टालने के लिए वक्त नहीं है। काउंसिल ने तय किया है कि 1 जुलाई से इसे लागू किया जाएगा। काउंसिल की मीटिंग में सरकारी और प्राइवेट लॉटरी पर अलग-अलग टैक्स रेट तय किए गए। मीटिंग में सरकारी और प्राइवेट लॉटरी पर अलग-अलग टैक्स रेट तय किए गए हैं। स्टेट रन लॉटरी पर जीएसटी के तहत 18% टैक्स और गवर्नमेंट ऑथराइज्ड प्राइवेट लॉटरी पर 28% टैक्स रेट तय किया गया है। इसके अलावा महंगे होटल रूम्स पर भी 28% टैक्स लगेगा। अरुण जेटली ने कहा कि ई-वे बिल पर तैयारी के लिए 4-5 महीने लग जाएंगे। जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग 30 जून को रखी गई है। रिटर्न भरने के लिए 2 महीनों की राहत…
मीटिंग में मुनाफाखोरी रोकने के लिए एंटी प्रॉफिटियरिंग नियमों को मंजूरी दे दी गई। जीएसटी काउंसिल ने हर माह रिटर्न फाइल करने में फिलहाल दो महीने की छूट दी है। अभी जुलाई और अगस्त में रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। सितम्बर से हर माह रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा।सस्ते होटल रूम पर 18% टैक्स
– 7500 रुपए से ज्यादा महंगे होटल कमरों पर 28% टैक्स लगेगा।, जबकि 2500 रुपए से 7500 रुपए तक की रेंज में आने वाले होटल के कमरों पर 18 फीसदी टैक्स रखा गया है। शिपिंग पर इनपुट क्रेडिट के साथ 5% आईजीएसटी वसूला जाएगा। निगेटिव लिस्ट ऑफ कंपोजिट में 3 प्रोडक्ट्स रखे गए हैं। इसमें आइसक्रीम, पान मसाला और टोबैको शामिल है।इन 5 नियमों को मिली मंजूरी
– फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 6 मुद्दों पर चर्चा हुई और 5 नियमों को मंजूरी दी गई। इनमें एडवांस रूलिंग, अपील एंड रिवीजन, एसेसमेंट, एंटी-प्रोफिटियरिंग और फंड सेटलमेंट शामिल हैं। छठवें मुद्दे ई-वे बिल्स को लेकर चर्चा जारी रहेगी। चर्चा पूरी होने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। तब एक राज्यों की मौजूदा व्यवस्था ही काम करेगी।
1 जुलाई से लागू होगा जीएसटी फाइनेंस मिनिस्टर ने जानकारी दी कि जीएसटी 1 जुलाई से ही लागू किया जाएगा। जीएसटी लागू करने के लिए 30 जून की रात और 1 जुलाई को प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल की भी 30 जून को अगली मीटिंग होगी।66 प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम हुआ था
इसके पहले जीएसटी काउंसिल ने 11 जून को 66 प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें कम की थी। इनमें आम आदमी की जरूरत की कई चीजें शामिल थीं। वहीं, जीएसटी काउंसिल ने कंपोजिशन की लिमिट 75 लाख कर दी थी। यानी अब 75 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी के तहत कंपोजिशन स्कीम का फायदा मिलेगा। पहले यह सीमा 50 लाख रुपए सालाना टर्नओवर थी। इन चीजों पर टैक्स घटा था
इंसुलिन : 12% से घटाकर 5%
स्कूल बैग्‍स : 28% से घटाकर 18%
एक्सरसाइज बुक्‍स : 18% से घटाकर 12%
कम्प्यूटर प्रिंटर : 28% से घटाकर 18%
अगरबत्ती : 12% से घटाकर 5%
काजू : 12% घटाकर 5%
डेंटल वैक्स : 28% से घटाकर 8%
प्लास्टिक बीड्स : 28% से घटाकर 18%
प्लास्टिक टर्पोलिन : 28% से घटाकर 18%
कलरिंग बुक्स : 12% से घटकर 0
प्री-कॉस्ट कंक्रीट पाइप्स : 28% से घटाकर 18%
कटलरी : 18% से घटकर 12%
ट्रैक्टर कंपोनेंट्स : 28% से घटाकर 18%
डिब्बा बंद फूड आइटम्स : 18% से घटाकर 12%
तय किए गए हैं 4 टैक्स स्लैब
– जीएसटी काउंसिल ने टैक्स के 4 स्लैब तय किए गए। गुड्स एंड सर्विसेज पर 5, 12, 18 और 28 फीसदी के स्लैब में टैक्स रेट तय हुए। लग्जरी और डिमेरिट गुड्स पर 28 फीसदी टैक्स के अलावा सेस भी तय किया गया।अरुण जेटली ने कहा कि ई-वे बिल पर फैसला चर्चा के बाद लिया जाएगा