उत्तराखंड

मॉक ड्रिल कर परखी गई चारधाम यात्रा की तैयारियां, आपदा से निपटने के लिए हुआ अभ्यास..

Preparations for Chardham Yatra Tested by Mock Drill- uknewsnetwork

मॉक ड्रिल कर परखी गई चारधाम यात्रा की तैयारियां, आपदा से निपटने के लिए हुआ अभ्यास..

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान किसी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए गुरुवार को चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में मॉक ड्रिल के जरिये तैयारियों की जाँच परख की गयी। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल में यात्रा मार्ग स्थित जिलों ने आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी-अपनी कार्ययोजना पेश की। सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम से मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलों की तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। उनका कहना हैं कि चारधाम यात्रा निर्विघ्न रूप से संपन्न हो, यही हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए। यात्रियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने सचिवालय परिसर स्थित कंट्रोल रूम से मॉक ड्रिल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सभी जिलों से उनकी तैयारियों को लेकर चर्चा की। राहत और बचाव कार्यों के लिए उपकरणों की उपलब्धता, रिसोर्स मैनेजमेंट, स्वास्थ्य, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामेडिकल टीमों की तैनाती तथा आपदा प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही बैकअप प्लान पर भी चर्चा हुई। उनका कहना हैं कि अस्पतालों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं होनी चाहिए।

सचिव डॉ. सिन्हा का कहना हैं कि चारधाम यात्रा के सुचारु संचालन में सभी विभागों के बीच उचित समन्वय और तालमेल होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारियों को अपनी-अपनी भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने मॉक ड्रिल को लेकर विभिन्न जिलों की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और जहां कुछ कमियां मिलीं, उन्हें यात्रा शुरू होने से पहले दूर करने के निर्देश दिए। साथ ही आर्मी और पेरामेडिकल फोर्सेस की मदद लेने के लिए सीधे यूनिट प्रमुख से संपर्क करें, जो निर्णय लेने में सक्षम हों और जो तुरंत सहायता प्रदान कर सकें। उन्होंने किसी भी आपातकालीन स्थिति में आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने सभी विभागों को संसाधनों की मैपिंग करने के लिए भी कहा। कहा कि सभी विभागों की चेक लिस्ट और एसओपी हर वक्त तैयार रहनी चाहिए।

मॉक ड्रिल के दौरान उत्तरकाशी में होटल तथा धर्मशाला, नेताला में भूस्खलन तथा रोड ब्लॉक, चीड़बासा में बादल फटना, बद्रीनाथ धाम में भूकंप तथा भगदड़, गोपेश्वर में आग, बाजपुर में रोड ब्लॉक, गौचर में रोड एक्सीडेंट, कलियासौड़ में बस दुर्घटना, डुंगरीपंथ में भूकंप, चमधार श्रीनगर में भूस्खलन, मायलु गांव में सड़क हादसा, हरकी पैड़ी में भगदड़, धरासू में रोड एक्सीडेंट, धनोला में भूकंप, देहरादून में राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप की मॉक ड्रिल की गई।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना हैं कि नेताला में भूस्खलन की सूचना पर पुलिस, एसडीआरएफ, मेडिकल टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर तुरंत राहत और बचाव अभियान चलाया। चमोली के गोविंदघाट में भगदड की सूचना पर सभी विभागों ने आपसी समन्वय बनाते हुए तुरंत स्थिति को संभाला। बाजपुर में मलबा आने से रोड ब्लॉक होने की सूचना पर तुरंत पीडब्ल्यूडी की टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची और मार्ग को सुचारु कराया। इस बीच वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से रवाना किया गया। गौचर में बस हादसे की सूचना पर तुरंत पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और राहत और बचाव कार्य किया।

टिहरी में धनौला पेट्रोल पंप के पास भूकंप की वजह से बिल्डिंग जमींदोज होने की सूचना पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मॉक ड्रिल के जरिये किसी आपदा की स्थिति में एयरफोर्स की मदद लेने, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग तथा टेकऑफ को लेकर भी जिलों में अपना प्लान प्रस्तुत किया। टिहरी में भूकंप की सूचना पर सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से टीम को टिहरी डैम का जायजा लेने के लिए मौके पर भेजा गया। हरिद्वार में भगदड़ मचने तथा गंगा में कुछ लोगों के डूबने की सूचना पर पुलिस, जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। इस दौरान किसी आपदा के चलते या मौसम खराब होने के चलते यदि यात्रा रोकनी पड़े तो कैसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था की जाएगी, इसे लेकर भी जिलों में अपनी तैयारी से अवगत कराया। इस बीच संचार सेवाएं ठप होने पर सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल पर भी मॉक ड्रिल की गई। चमोली जिले ने वायु सेवा के बरेली स्थित सेंटर से वायु निकासी पर मदद मांगी।

इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी में भूकंप की मॉक ड्रिल का निरीक्षण कर स्कूल प्रबंधन और राहत और बचाव टीमों को जरूरी निर्देश दिए। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूल की प्रधानाचार्या से भूकंप के समय बच्चों की सुरक्षित निकासी के प्लान को लेकर जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में प्रत्येक तीन माह में इस तरह की मॉक ड्रिल अपने स्तर पर कराने को कहा। उन्होंने बच्चों को, खासतौर पर एनसीसी कैडेट्स को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग देने को कहा। इस दौरान उन्होंने छात्राओं के साथ संवाद भी किया। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूली छात्राओं को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अलग-अलग जिम्मेदारियों देने को कहा ताकि आपदा के समय स्वयं मदद को आगे आ सकें। इसके बाद उन्होंने पुलिस लाइन स्थित स्टेजिंग सेंटर में विभिन्न विभागों के स्तर पर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। टीम ने दून अस्पताल में भी आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को एक ठोस डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।

 

 

 

 

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